उत्तर प्रदेश, राजनीति

UP में बारिश-बिजली से 22 की मौत, सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान

UP में बारिश-बिजली से 22 की मौत, सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश में 24 घंटे में आंधी, तूफान, बारिश और बिजली गिरने से 22 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार को लखनऊ सहित 25 शहरों में जोरदार बारिश हुई। सहारनपुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बहराइच में ओले गिरे। मौसम विभाग ने आज 55 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। बिजली गिरने की भी संभावना जताई है। इस दौरान हवाएं 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।

24 घंटे में प्रदेश के औसत तापमान में 4-5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को लखनऊ में इतनी बारिश हुई कि सड़कें तालाब बन गईं। तेज हवाओं से पेड़ और बिजली के पोल उखड़ गए। हजारों बीघा फसलें बर्बाद हो गईं। मुरादाबाद में बिजली गिरने से 5 छात्र झुलस गए।

मृतकों के परिजनों को 4-4 मुआवजा मिलेगा

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बारिश और बिजली से मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। उन्‍होंने कहा कि अफसर प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करें। फसलों के नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द शासन को रिपोर्ट भेजी जाए, जिससे किसानों को मुआवजा दिया जा सके।

क्यों बदला मौसम?

BHU में मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बदला है। उन्होंने कहा कि पश्चिम से आ रही हवाओं में काफी मात्रा में नमी है। यूपी में लो प्रेशर एरिया (निम्न दबाव) बन रहा है। इसके चलते बारिश हो रही है। अगले 3 दिनों तक प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बारिश हो सकती है। 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलेगी। जहां बारिश होगी, वहां कुछ देर के लिए तापमान में कमी आएगी। हालांकि, गर्मी से बहुत ज्यादा राहत के आसार नहीं हैं।

तीन दिनों का मौसम पूर्वानुमान

  • 12 अप्रैल- पूरे उत्तर प्रदेश में बारिश होने की संभावना है। 20-30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
  • 13 अप्रैल- पूर्वी यूपी के कुछ जिलों में बारिश हो सकती है, जबकि पश्चिमी यूपी में बादल छाए रहेंगे और तेज हवाएं चलेंगी।
  • 14 अप्रैल- पश्चिमी यूपी के कुछ शहरों में हल्की बारिश संभव है। हवाएं 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी।

बारिश से 10-15% फसलें सड़ सकती हैं

वहीं, मौसम वैज्ञानिक राकेश ने बताया कि अगर ओले गिरते हैं तो किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। खेतों में खड़ी पकी हुई गेहूं की फसल को भारी नुकसान होगा। अनुमान है कि 10-15% फसल खराब हो सकती है।

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