लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 6 वर्षों से लखनऊ की सड़कों पर आंदोलन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का धैर्य आखिरकार टूट ही गया। शुक्रवार को वे समाजवादी पार्टी के कार्यालय पहुंचे और अखिलेश यादव से मुलाकात कर उनसे मदद की गुहार लगाई। अखिलेश यादव ने भी अभ्यर्थियों की पीड़ा सुनने के बाद कहा कि समाजवादी पार्टी इन अभ्यर्थियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी।
अलिखेश यादव ने कहा कि नेताजी खुद शिक्षक थे, उनके अंदर का शिक्षक कभी खत्म नहीं हुआ, वो शिक्षक के रूप में हमेशा दिखाई दिए। एक शिक्षक का बेटा होने के नाते, हर शिक्षक से मेरा पारिवारिक संबंध है, उनका दर्द मेरा दर्द है। शिक्षकों एवं बच्चों के अभिभावकों को जितनी जल्दी ये बात समझ आ जाएगी कि भाजपा सरकार शिक्षक और शिक्षा के खिलाफ है, उतनी ही जल्दी परिवर्तन के लिए जमीन बननी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार हृदयहीन है, जिसमें संवेदना न हो, वो सरकार नहीं चाहिए किसी को। समाजवादी पार्टी हमेशा शिक्षकों के साथ है, जो बरसों से अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। जब कभी समाजवादी पार्टी को मौका मिलेगा तो उनकी समस्याओं का समाधान करने का काम हम करेंगे।
शिक्षक अभ्यर्थियों के सामने रोजी-रोटी का संकट
सपा सुप्रीमो से मुलाकात करने वालों में विजय यादव, गंगाराम यादव, यशवंत कुमार, अर्चना शर्मा व अन्य शामिल रहे। विजय यादव ने बताया कि भाजपा सरकार से न्याय मांगते-मांगते 6 साल गुजर गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हम लोग चाहते हैं कि सपा इस मामले को पूरी मजबूती से सरकार के सामने उठाए और न्यायालय में भी, जिससे हमें न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि अब हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट है।