लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी भले ही प्रदेश में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, लेकिन पार्टी प्रमुख मायावती के तेवरों में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कई बार अपने सख्त फैसलों की वजह से तमाम सियासी पंडितों को हैरान किया है। पार्टी हित और पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मान के आगे उन्होंने किसी को नहीं बख्शा है भले ही वो उनके करीबी हो या अपने रिश्तेदार।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने कड़े फैसलों को लेकर सुर्खियों में रहती है और अब उन्होंने भतीजे और पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर एक बार फिर अपना दम दिखाया है। सूत्रों की मानें तो उनके समधी अशोक सिद्धार्थ पिछले कुछ समय से पार्टी में दखल बढ़ता जा रहा था, उनकी महत्वकांक्षा काफी बढ़ गईं थीं। उनके इस व्यवहार से मायावती नाराज बताई जा रही थीं।
बसपा सुप्रीमो ने लिया सख्त फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समधी अशोक सिद्धार्थ बसपा में दूसरे पॉवर सेंटर बन रहे थे, उनके घर पर बसपा नेताओं और पैरवी के लिए आने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी थी, जिसकी जानकारी मायावती तक भी पहुंचने लगी थी। मायावती ने उन्हें दिल्ली बुलाकर हद में रहने की हिदायत भी दी, लेकिन जब वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में फैसला लिया और उन्हें सीधा पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
ये पहली बार नहीं है, जब मायावती ने इस तरह का फैसला लिया हो। साल 2018 में परिवारवाद के आरोप लगने पर उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था। यहीं नहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में जब आकाश आनंद ने चुनावी सभा में भड़काऊ भाषण दिया तो बसपा सुप्रीमो ने उन पर कार्रवाई करते हुए न सिर्फ उन्हें सभी पदों से बर्खास्त कर दिया था, बल्कि उनकी चुनाव सभाओं पर भी रोक लगा दी थी। हालांकि, बाद में कार्यकर्ताओं की मांग पर आकाश आनंद को फिर से उन्होंने नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी बना दिया था।