कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे अपराधों के लिए नया कानून लेकर आ रही है। बुधवार (28 अगस्त) को पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने दुष्कर्म को रोकने और कड़ी सजा के प्रावधान के लिए नया बिल पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बिल अगले हफ्ते विधानसभा में पेश किया जाएगा।
कैबिनेट सदस्य और राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि वह स्पीकर बिमान बंद्योपाध्याय से 2 सितंबर से विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध करेंगे। चट्टोपाध्याय ने कहा, नया बिल 3 सितंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
सीएम ममता बोलीं- 31 अगस्त से आंदोलन करेंगे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि वह बलात्कार के लिए मौत की सजा को अनिवार्य बनाने के लिए राज्य में कानून में बदलाव करेंगी। अगले हफ्ते विधानसभा में संशोधन पारित हो जाएगा। बलात्कार के लिए केवल एक ही सजा होनी चाहिए- फांसी, फांसी, फांसी।
ममता अपनी पार्टी के स्टूडेंट विंग के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। ममता ने आगे कहा कि तृणमूल कांग्रेस 31 अगस्त से एक आंदोलन शुरू करेगी ताकि बलात्कारियों को मौत की सजा देने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया जा सके।
ममता का प्रधानमंत्री पर आरोप- बंगाल जला तो मोदी की कुर्सी गिरेगी
ममता ने कोलकाता की एक रैली में कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है। मुझे बांग्लादेश से प्यार है। वे हमारी तरह बात करते हैं और हमारी संस्कृति भी एक जैसी है, लेकिन याद रखिए कि बांग्लादेश अलग देश है और भारत अलग देश है।
ममता ने भाजपा के बंगाल बंद के दौरान हुए प्रदर्शन और आगजनी पर पीएम नरेंद्र मोदी पर राज्य में आग लगवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- मोदी बाबू कोलकाता के रेप-मर्डर केस में अपनी पार्टी का इस्तेमाल करके बंगाल में आग लगवा रहे हैं। अगर आपने बंगाल को जलाया तो असम, नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे।
असम सीएम हिमंत बोले- हमें डराने की हिम्मत कैसे हुई?
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी असम को डराने की हिम्मत कैसे हुई? सरमा ने X पर पोस्ट में कहा कि दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए। आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता।