बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में जुमे पर ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर बवाल के बाद पुलिस का एक्शन मोड जारी है। शनिवार शाम को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। वहीं, इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को बरेली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 39 लोगों को हिरासत में लिया है। मौलाना को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है।
इसके अलावा, 2000 अज्ञात लोगों पर 5 थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 10 मुकदमों में से 7 में तौकीर रजा का नाम है। वहीं, मौलाना तौकीर रजा को बरेली जेल से फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया है। बरेली से फतेहगढ़ जेल की दूरी 129 किमी है। पहले उसको बरेली जेल में रखा गया था।
बरेली में इंटरनेट सेवा बंद
बरेली में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद शनिवार को पुलिस ने कई कड़े एक्शन लिए। मौलाना तौकीर रजा को दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद शाम करीब साढ़े 4 बजे बरेली की इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई। डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि माहौल शांत होने पर इंटरनेट सेवा बहाल की जाएगी।
डीआईजी बोले- मौलाना तौकीर मुख्य साजिशकर्ता
बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा, स्थिति सामान्य है। सबूतों के आधार पर जांच की जा रही है। अब तक 39 लोगों की पहचान की गई है और मौलाना तौकीर रजा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है। उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
उत्तर प्रदेश | बरेली में हुई हिंसा पर बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा, "स्थिति सामान्य है… 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं और सबूतों के आधार पर जांच की जा रही है। अब तक 39 लोगों की पहचान की गई है और मौलाना तौकीर रजा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है। उसे गिरफ्तार कर… pic.twitter.com/TVrrYebajX
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उन्होंने कहा, लोगों को इकट्ठा करने और योजना को साझा करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। प्रदर्शनकारियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार और पत्थर बरामद किए गए हैं। पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की गई और पथराव भी किया गया। 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आगे की जांच जारी है।
डीएम बोले- बताया गया था कि धारा 163 लागू है
बरेली के डीएम अविनाश सिंह ने कहा, पिछले 6-7 दिनों से समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली थी कि मौलाना तौकीर रजा कुछ मुद्दों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट तक मार्च करेंगे और ज्ञापन देंगे। उन्हें स्पष्ट बताया गया कि जनपद में बीएनएस की धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लागू है। बिना लिखित अनुमति के कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता।
#WATCH बरेली, उत्तर प्रदेश: 'आई लव मोहम्मद' विरोध प्रदर्शन पर जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा, "कल जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की थी। पुलिस प्रशासन की सतर्कता और तत्परता के कारण डेढ़ घंटे के अंदर स्थिति पर काबू पा लिया गया। कल शाम से लेकर आज तक… https://t.co/4YMU4vJXn0 pic.twitter.com/b0BwEvBfgP
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श्रावस्ती में योगी बोले- कुछ लोगों को शांति अच्छी नहीं लगती
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती में बरेली बवाल पर कहा, कुछ लोग हैं, जिनको शांति व्यवस्था और लोक कल्याण अच्छा नहीं लगता। जब भी कोई हिंदुओं का त्योहार आता है, उनको गर्मी आने लगती है। उनकी गर्मी शांत करने के लिए हमें डेंटिंग-पेंटिंग का सहारा लेना पड़ता है।
#WATCH श्रावस्ती: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "अराजकता स्वीकार्य नहीं है। हम सबको सम्मान देंगे, सबको सुरक्षा देंगे लेकिन अगर किसी ने सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का दुस्साहस किया, निर्दोश नागरिकों पर हमला किया, तो उसकी कई पीढ़ियों के सामने ऐसी कार्रवाई की… pic.twitter.com/tteCY3vknp
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सीएम ने कहा, इस्लाम में कहते हैं कि बुतपरस्ती का विरोध करते हैं। ये उनका विषय है, उनकी फिलॉस्फी है। हम तो मूर्तिपूजक हैं हम निराकार ब्रह्म की उपासना कहते हैं। वो लोग आई लव मोहम्मद कहकर शारदीय नवरात्र में माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मां चंडी आप लोगों को माफ नहीं करेंगी। आप लोग अपने घरों में आस्था करिए। ये सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।
I Love Muhammad विवाद कानपुर से शुरू हुआ था
विवाद कानपुर में 4 सितंबर से शुरू हुआ। बारावफात (ईद मिलाद-उन्नबी) के जुलूस के दौरान एक समूह ने ‘I Love Muhammad’ लिखा एक बैनर/लाइटबोर्ड जुलूस मार्ग पर लगाया। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। पुलिस ने बैनर हटाए और 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
इसके बाद में विवाद बढ़ गया और कई अन्य शहरों व राज्यों में ‘I Love Muhammad’ के समर्थन में रैलियां, बैनर और पोस्टर लगे। हिंदू समुदाय ने इसके जवाब में “I Love Mahadev/Mahakaal” जैसे बैनर लगाए। दरअसल, शुक्रवार को मौलाना तौकीर रजा की अपील पर ही भीड़ सड़क पर उतर आई थी। पुलिस ने रोका तो पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था।