सीतापुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान 23 महीने से जेल में हैं। मंगलवार सुबह 9 बजे उनकी रिहाई होनी थी, लेकिन आखिरी वक्त पर अटक गई है। बड़े बेटे अदीब अपने 150 समर्थकों के साथ उनको लेने के लिए सीतापुर जेल के बाहर पहुंच गए थे। हालांकि, रिहाई की कागजी कार्रवाई के दौरान नया पेंच सामने आ गया।
दरअसल, आजम खान पर रामपुर में चल रहे एक केस पर कोर्ट में जुर्माना नहीं भरा था। इसके चलते उनकी रिहाई रोक दी गई। सूत्रों के अनुसार, आजम खान पर एक केस में दो धाराओं में 3 और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगा था, जिसे उन्होंने जमा नहीं किया। अब 10 बजे रामपुर कोर्ट खुलने के बाद जुर्माने की रकम जमा की जाएगी। इसके बाद वहां से फैक्स से सूचना सीतापुर जेल भेजी जाएगी, फिर उनकी रिहाई होगी। यानी, सब कुछ ठीक रहा तो दोपहर 12 से 2 के बीच आजम की रिहाई हो सकती है।
सुबह 7 बजे ही जेल के बाहर पहुंच गया था बेटा
आजम खान की रिहाई आज सुबह 9 बजे तय मानी जा रही थी। इसलिए, बेटे अदीब सुबह 7 बजे ही जेल के बाहर पहुंच गए। हालांकि, समर्थकों की भीड़ को देखते हुए पुलिस ने जेल के बाहर से उन्हें हटा दिया। इसके बाद अदीब वहां से चले गए। मीडिया से बातचीत में अदीब ने कहा कि आज आजम साहब का दिन है, आज के हीरो वो हैं। उनकी बाइट लीजिएगा। मैं खुद उनसे मिलने आया हूं।
वहीं, सीतापुर पुलिस ने आजम खान को लेने पहुंचे कार्यकर्ताओं की 15 गाड़ियों का चालान भी किया है। पुलिस का कहना है कि जेल के बाहर ये सभी गाड़ियां नो पार्किंग जोन में खड़ी थी। ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यह एक्शन लिया गया है।
जेल से निकलने के बाद बसपा में शामिल हो सकते हैं
उधर, चर्चा है कि आजम खान जेल से निकलने के बाद बसपा में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती बड़ा सम्मेलन करने वाली हैं। उसी दिन आजम बसपा में शामिल हो सकते हैं।
आजम खान के बसपा में जाने की अटकलों पर सीतापुर की बिसवान नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और सपा नेता अतीक अहमद ने कहा- आजम खां जहां हैं, वहीं बने रहेंगे।
5 दिन पहले हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक बार पर जबरन कब्जे के मामले में आजम को जमानत दी थी, तभी रामपुर कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ते हुए उन्हें 20 सितंबर को तलब कर लिया। लेकिन कोर्ट ने ये धाराएं खारिज कर दीं, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हुआ।