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आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया भरोसेमंद आर्केस्ट्रा, बोले- हर म्यूजिशियन ने निभाई भूमिका

आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया भरोसेमंद आर्केस्ट्रा, बोले- हर म्यूजिशियन ने निभाई भूमिका

नई दिल्‍ली: आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक भरोसेमंद आर्केस्ट्रा की तरह था, जहां हर म्यूजिशियन ने एक साथ मिलकर काम करने वाली भूमिका निभाई, इसी तरह 22 मिनट में भारतीय सेना ने 9 आतंकी जगहों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा, मिलिट्री ऑपरेशन में हालात के बदलने के साथ बदलाव का अंदाजा लगाने की दूर की सोच दिखाई देती है। यह एक ऐसा जवाब था जो उस पल में नहीं बल्कि सालों की सोच से बना था कि कैसे इंटेलिजेंस, सटीकता और टेक्नोलॉजी मिलकर एक्शन में बदल सकती हैं।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ हमले किए और उसके बाद भारत के सभी जवाबी हमले भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए। न्यूक्लियर हथियारों से लैस दो पड़ोसियों के बीच करीब 88 घंटे तक चली मिलिट्री लड़ाई 10 मई की शाम को एक समझौते पर पहुंचने के बाद रुक गई।

दुनिया तेजी से बदल रही

आर्मी चीफ शनिवार को दिल्ली में न्यू दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (NDIM) के दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे। उनका संबोधन ‘Navigating Change: The Real Constant’ थीम पर आधारित था। उन्होंने छात्रों से कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और उसमें अवसर भी छिपे हैं।

55 से ज्यादा संघर्ष जारी, शांति और युद्ध की सीमा धुंधली

21वीं सदी में दुनिया प्रतिस्पर्धा और टकराव से भरी है। दुनिया में आज 55 से अधिक संघर्ष चल रहे हैं, जिनमें 100 से ज्यादा देश सीधे या गुप्त रूप से जुड़े हैं। बाजार भी बदल चुके हैं- राष्ट्रवाद, प्रतिबंध और संरक्षणवाद के बीच जियोइकोनॉमिक्स युद्ध जैसी रणनीति में बदल गया है।

उन्‍होंने कहा कि आधुनिक रणनीति में Wren & Martin की तरह एक नई ‘ग्रामर’ बन गई है। सहयोग से लेकर संघर्ष तक 6C मॉडल काम रहे हैं जो हैं- Cooperation, Collaboration, Co-existence, Competition, Contestation and Conflict.

तकनीक ने युद्ध बदल दिया

पहले जब वे सेना में आए थे, तब कंप्यूटर दूर-दूर तक नजर नहीं आते थे, लेकिन आज सेना AI और डेटा साइंस का इस्तेमाल युद्धक संचालन में कर रही है। ट्रेन्च से नेटवर्क तक, राइफल से ड्रोन तक, बूट्स से बॉट्स तक और बिजनेस में शैंपू सैशे से Gemini तक, तकनीक युद्ध का चेहरा बदल रही है।

उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना ज्यादा तेजी, नेवी-एयर फोर्स और दूसरे डोमेन के साथ मिलकर काम करना, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के जरिए मॉडर्नाइजेशन तेज करना, ह्यूमन रिसोर्स सिस्टम में सुधार करना, हमारे सिस्टम प्रोसेस को लगातार बेहतर बनाना, एफिशिएंसी और रिस्पॉन्सिवनेस बढ़ाने पर काम कर रही है। इनमें बदलाव कर रही है।

हम लाखों जिंदगियां संभालते हैं

मैं 1.3 करोड़ सैनिकों, पूर्व सैनिकों और परिवारों के समुदाय का नेतृत्व कर रहा हूं। यानी भारत की एक प्रतिशत आबादी। कॉर्पोरेट दुनिया कुछ सौ रिज्यूम संभालती है। हम लाखों जिंदगियां संभालते हैं, जो एक आदेश पर गोलियों की बौछार में जाने को तैयार होती हैं।

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