वॉशिंगटन डीसी: व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने रविवार (21 सितंबर) को सोशल मीडिया ‘X’ पर को H-1B वीजा से जुड़ी कई जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि 88 लाख रुपये फीस सालाना नहीं लगेगी। यह वन टाइम फीस है, जो सिर्फ एप्लीकेशन देते समय लगेगी।
कैरोलिन लेविट ने कहा, यह बदलाव लॉटरी से निकाले गए नए वीजा पर लागू होंगे। पुराने वीजा होल्डर्स, रिन्युअल या 21 सितंबर से पहले अप्लाई करने वालों के लिए नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। H-1B वीजा होल्डर देश से बाहर जा सकते हैं और वापस भी आ सकते हैं।
विदेशी कर्मचारियों को वापस लौटने को कहा था
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार सुबह H-1B वीजा के लिए एप्लिकेशन फीस 88 लाख रुपये कर दी थी। इसके बाद मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी टेक कंपनियों ने अपने विदेशी कर्मचारियों से रविवार तक अमेरिका वापस लौटने को कहा था।
फंसने के डर से वापस लौटने लगे थे कर्मचारी
नई फीस लागू होने के कारण इमिग्रेशन अटॉर्नी और कंपनियों ने H-1B वीजा धारकों या उनके परिवारों से कहा कि जो अभी अमेरिका से बाहर हैं, वे अगले 24 घंटों के भीतर वापस आ जाएं, नहीं तो उनके फंसने की आशंका है। कंपनियों को डर था कि अगर उन्होंने रविवार तक H-1B वीजा धारकों को नहीं बुलाया तो उन्हें वापस अमेरिका बुलाने के लिए एक लाख डॉलर देने पड़ेंगे।
दिवाली पर भारत आने का प्लान बना रहे H-1B वीसा वाले कई लोगों ने ऐन वक्त पर अपने टिकट कैंसिल कराए। वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क जैसे प्रमुख एयरपोर्ट पर कई लोग टिकट रद्द कराते देखे गए। इधर, दिल्ली एयरपोर्ट पर भी कई लोग अमेरिका जाने के लिए फ्लाइट का इंतजार करते देखे गए।
माइक्रोसॉफ्ट का कर्मचारियों को मैसेज
रॉयटर्स के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने शनिवार को अपने कर्मचारियों को एक इंटरनल ईमेल भेजा, जिसमें H-1B और H-4 वीजा धारकों को तुरंत अमेरिका लौटने को कहा था। मेटा ने भी कर्मचारियों को ऐसा ही अलर्ट जारी किया था।
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, ‘H-1B वीजा धारक अगले कुछ समय तक अमेरिका में ही रहें। H-4 वीजा धारकों को भी यही सलाह है। हमारी सिफारिश है कि दोनों तरह के वीजा धारक 21 सितंबर की डेडलाइन से पहले यानी रविवार तक अमेरिका पहुंच जाएं।’