रायबेरली: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने रायबरेली सीट से राहुल गांधी को उतारा और जनता ने उनको चुनकर संसद भी भेजा। दादा फिरोज गांधी, दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया के बाद चौथी पीढ़ी के राहुल गांधी की ऐतिहासिक जीत के जरिए अब गांधी परिवार रायबरेली व अमेठी से भावनात्मक रिश्ता और मजबूत करेगा। इसके लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अमेठी से नवनिर्वाचित सांसद किशोरीलाल शर्मा 11 जून को यहां आ रहे हैं। गांधी परिवार दोनों जिलों के लोगों को एक स्थान पर एकत्र कर जीत के प्रति आभार जताकर अपनापन दिखाएगा।
वैसे तो 1952 से लेकर 2024 तक रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य लड़ता और जीतता रहा है। 2019 में राहुल गांधी की अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से हार के बाद परिवार का दोनों जिलों में आना-जाना कम हो गया। न तो सोनिया आईं और न ही राहुल ज्यादा आए। मां-बेटे का संसदीय क्षेत्रों में न आना राहुल की हार से जोड़कर देखा गया। यही कारण है कि इस लोकसभा चुनाव में नामांकन के अंतिम दौर तक नहीं तय हो पा रहा था कि इन जिलों से गांधी परिवार का कोई सदस्य लड़ेगा या नहीं। ऐन वक्त पर राहुल गांधी को रायबरेली और सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा को अमेठी से उतारा गया। दोनों सीटों पर कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत से एक बार फिर गांधी परिवार का लगाव स्थानीय जनता के प्रति बढ़ा है।
कांग्रेस 2029 के लिए देना चाहती है संदेश
यही वजह है कि गांधी परिवार दोनों जिलों से ऐतिहासिक जीत के लिए जनता के साथ कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करने के लिए 11 जून को आ रहा है। कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि अगली बार देशभर में कांग्रेस की बयार बहेगी। खास बात यह है कि सोनिया गांधी 2019 में लगातार पांचवीं बार विजयी हुईं लेकिन, जीत का प्रमाणपत्र तक लेने नहीं आईं।
वहीं, रायबरेली कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी और राहुल गांधी के चुनाव अभिकर्ता रहे विजय शंकर अग्निहोत्री गुरुवार को ही गांधी परिवार से मिलने दिल्ली गए थे, जहां उनकी शनिवार को सोनिया, राहुल, प्रियंका और केएल शर्मा से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि 11 जून को गांधी परिवार यहां आएगा। रायबरेली और अमेठी की सीमा पर कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। यहीं से दोनों जिलों की जनता का आभार जताया जाएगा। स्थान का चयन किया जा रहा है।