उत्तर प्रदेश, राजनीति

तिरुपति लड्डू विवाद के बाद अब काशी विश्वनाथ महाप्रसाद की जांच, गोदाम पहुंचे SDM ने फूड डिपार्टमेंट को भेजे सैंपल

तिरुपति लड्डू विवाद के बाद अब काशी विश्वनाथ महाप्रसाद की जांच, गोदाम पहुंचे SDM ने फूड डिपार्टमेंट को भेजे सैंपल

वाराणसी: तिरुपति बालाजी के लड्‌डू विवाद के बाद वाराणसी में एसडीएम शंभू शरण सिंह ने शुक्रवार को अपनी टीम के साथ काशी विश्वनाथ के महाप्रसाद की जांच की। एसडीएम टीम के साथ अचानक प्रसाद तैयार होने वाली जगह पहुंचे। लड्‌डू बनने की पूरी प्रक्रिया देखी, साफ-सफाई का जायजा लिया और महाप्रसाद को चखा।

एसडीएम शंभू शरण सिंह ने महाप्रसाद का सैंपल लेकर यूपी फूड डिपार्टमेंट को भेजा है। करीब 15 दिन में इसकी रिपोर्ट आएगी। उन्‍होंने बताया कि तिरुपति प्रसाद विवाद सामने आने के बाद से काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता की जांच की जा रही है।

घी की लैब टेस्टिंग में सब कुछ सही

एसडीएम सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, इसलिए प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करना बेहद जरूरी है। फूड डिपार्टमेंट की ओर से लगातार गुणवत्ता की जांच की जा रही है, जिससे कोई भी चूक न हो सके।

लैब टेस्ट से जुड़े सवाल पर एसडीएम ने बताया कि घी की लैब टेस्टिंग कराई गई है, जिसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है। हालांकि, अधिकारियों ने दोबारा सैंपलिंग कराने का निर्णय लिया है, ताकि पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाबा विश्वनाथ को अर्पित होने वाला भोग मंदिर के पुजारियों द्वारा ही तैयार किया जाता है, जबकि श्रद्धालुओं के लिए वेंडर के साथ टाई-अप किया गया है, जो प्रसाद की पूर्ति करते हैं।

लड्डू निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान

लड्डू निर्माण में लगे वेंडर अशोक हलवाई ने बताया कि लड्डू निर्माण के दौरान गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है। हम और हमारे वर्कर लहसुन-प्याज या मादक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। वर्कर्स मास्क पहनकर लड्डू बनाते हैं। खाने-पीने और टॉयलेट के लिए बिल्डिंग से बाहर अलग स्थान पर जाते हैं। अशोक हलवाई ने इस बात पर जोर दिया कि उनके लड्डू निर्माण कार्य में केवल सनातनी लोग ही शामिल होते हैं। गैर सनातनी लोगों का इसमें कोई स्थान नहीं है।

लड्डू निर्माण में लगी वर्कर रेखा ने बताया कि वे सुबह घर से नहा-धोकर आती हैं और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखती हैं। खाने-पीने या टॉयलेट के लिए भी उन्हें निर्माण स्थल से बाहर जाना पड़ता है। वहीं, वर्कर अभिषेक ने भी बताया कि साफ-सफाई और शुद्धता को सर्वोपरि रखा जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता वाला प्रसाद मिल सके।

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