गोरखपुर: देश की सुरक्षा के लिए आतंकवाद से निपटना भारतीय सेना की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में उन्हें अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहने की जरूरत है, जिसे लगातार पूरा किया जा रहा है। इसी मिशन में गोरखपुर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम) गीडा के बी.टेक. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग) विभाग के छात्रों ने योगदान देने का प्रयास करते हुए खास तकनीकि वाली प्रोटो टाइप एंटी टेररिस्ट एआई राइफल (Anti Terrorist AI Rifle) तैयार की है।
ITM नवाचार की टीम में शामिल छात्र अंशित श्रीवास्तव, आदर्श कुमार, अभिजीत पांडेय, सत्यम सैनी और आयुष पांडेय का कहना है कि यह तकनीक सीमा पर तैनात हमारे सैनिकों की सुरक्षा और मारक क्षमता को अत्यधिक मजबूती प्रदान कर सकती है। टीम लीडर अंशित श्रीवास्तव ने बताया कि कश्मीर में आतंकियों की कायराना हरकत के बाद तकनीक का उपयोग कर आतंकवाद से निपटने का संकल्प लिया। इसी क्रम में हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग करते हुए इस खास रायफल को डिज़ाइन किया है।
आठ महीने के कड़ी मेहनत से हुई तैयार
छात्र आदर्श कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर संस्थान के इनोवेशन सेल में लगभग आठ महीने की कठिन मेहनत के बाद कार्य संपन्न हुआ। आयुष पांडेय ने बताया कि इस डिवाइस को ‘एंटी टेररिस्ट एआई गन’ (Anti Terrorist AI Gun) नाम दिया गया है। इसकी विशेषता यह है कि यह किसी भी टारगेट को पहचानते ही बिना मानवीय हस्तक्षेप के गोलियां दाग सकती है। यह तकनीक इतनी उन्नत है कि कोई भी सिग्नल जैमर इसे बाधित नहीं कर सकता, क्योंकि इसमें एक स्वतंत्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस माइंड कार्य करता है।
छात्र सत्यम सैनी ने बताया कि इस राइफल में लगा डेटा कैमरा किसी संदिग्ध व्यक्ति को देखते ही उसकी इमेज को डेटाबेस से मिलाता है और जैसे ही पहचान होती है, वह टारगेट पर फायर कर देता है। इस रायफल में कई और विशेषताएं भी हैं, जिससे यह सीमा पर जवानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। छात्र अभिजीत पांडेय ने तकनीकी जानकारी साझा की।
आईटीएम के निदेशक ने की सराहना
आईटीएम के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने छात्रों के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान में इनोवेशन लैब स्थापित है, जहां छात्र निरंतर देश और समाज हित में नवाचार कर रहे हैं। यह एंटी टेररिस्ट एआई प्रोटो टाइप गन देश की सुरक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित होगी। हमारे छात्रों ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि तकनीक का सही प्रयोग आतंकवाद के विरुद्ध अत्यंत प्रभावी हो सकता है। यह डिवाइस आतंकियों पर निगरानी रखने, पहचानने और त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम है। छात्रों की इस उपलब्धि पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया और संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल ने छात्रों को शुभकामनाएं और बधाई दी।