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अयोध्‍या में रामलला की दर्शन अवधि में होगा बदलाव, चार दिन के लिए बढ़ेगा समय

अयोध्‍या में रामलला की दर्शन अवधि में होगा बदलाव, चार दिन के लिए बढ़ेगा समय

अयोध्‍या: अयोध्‍या में नए वर्ष के मौके पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान श्री रामलला के दर्शन के समय में बदलाव किया जा रहा है। साल 2025 के पहले दिन यानी 1 जनवरी और प्रतिष्ठा द्वादशी के आयोजन के तीनों दिन यानी 11 से 13 जनवरी तक भगवान श्रीराम के मंदिर का दोपहर में पट बंद रहने का समय इन सभी दिन सिर्फ 30 मिनट ही रहेगा।

अभी तक श्री रामलला के मंदिर पट दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक बंद रहते हैं, जबकि 1, 11, 12 और 13 जनवरी को दोपहर 1 बजे से ही दर्शन शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा प्रतिष्ठा द्वादशी के आयोजन वाले तीनों दिन शयन आरती के पास नहीं जारी होंगे। व्यवस्था ऐसी बनाई जा रही है कि आरती होती रहेगी और दर्शन भी चलता रहेगा। इस तरह दर्शन अवधि बढ़ जाएगी।

एक जनवरी को रहेगी भक्तों की भारी भीड़

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि पहली जनवरी को अधिकांश लोग कैलेंडर वर्ष की शुरुआत शुभ कार्य से करना चाहते हैं। ऐसे में प्रभु दर्शन के लिए अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की आशा है। इसी कारण दोपहर में पट बन्द रखने का समय घटाया गया है। 1 जनवरी को दोपहर डेढ़ बजे की अपेक्षा 1 बजे दर्शन शुरू हो जाएगा।

उन्‍होंने बताया कि इसी तरह प्रतिष्ठा द्वादशी के त्रिदिवसीय आयोजन में भी देश और दुनिया भर के अनेकों स्थानों से श्रद्धालुओं के आने के आसार हैं। इसलिए, दोपहर में आधा घंटा दर्शन अवधि बढ़ाने के साथ ही शयन आरती के समय भी दर्शन निरंतर चलता रहेगा। इस संबंध में आज हुई बैठक में व्हील चेयर के लिए भी मार्ग तय कर लिया गया है।

दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था

साल 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की ओर से सात प्रवेश मार्गों का इस्तेमाल किया जाता है। यात्रियों की सुविधा के लिए वस्तुओं को रखने और उनके जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था है। पास में दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। पेयजल और चिकित्सा की व्यवस्था है। इन सब सुविधाओं का लाभ भक्तों की ओर से उठाया जा सकता है। इसके बाद ही भक्त दर्शन के लिए प्रस्थान करते हैं।

4045 मिनट में रामलला का दर्शन कर सकते हैं तीन लाख लोग

सुरक्षा के बाद चार पंक्तियों से लोग जाते हैं। वहां पर रामलला के दर्शन बहुत दिव्यता से होते हैं। प्रतिदिन सुगमता पूर्वक तीन लाख लोग दर्शन कर सकते हैं। निकास मार्ग पर प्रसाद की व्यवस्था है। प्रत्येक श्रद्धालु जो यहां आता है उसे प्रसाद मिलता है। प्रत्येक लाइन में बैठने के लिए बेंच भी है। 3 लाख लोग 40 से 45 मिनट में दर्शन कर सकते हैं।

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