प्रयागराज: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रयागराज महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया है। साधु-संतों के सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का नगर प्रवेश हो चुका है। साथ में किन्नर अखाड़ा भी नगर प्रवेश कर चुका है। इन अखाड़ों के हजारों साधु-संत संगमनगरी में पहुंच गए हैं। इन अखाड़ों ने जब नगर प्रवेश किया तो पूरा शहर उनके स्वागत में सड़कों पर उतर गया।
अलग-अलग वेश में रथ पर व घोड़ों पर सवार होकर यह साधु-संत जब शहर की तरफ प्रवेश करने लगे तो हर कोई हाथ जोड़कर खड़ा हो गया और उनका स्वागत किया। मेला प्राधिकरण व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने माला पहनाकर सभी का नगर में स्वागत किया। अखाड़ों के आगमन का क्रम अब जारी हो गया है। अभी इसी तरह शेष 12 अखाड़े नगर प्रवेश करेंगे।
देश-विदेश से 5 हजार से ज्यादा किन्नर आएंगे संगनगरी
किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में देश-विदेश से 5 हजार किन्नर साधु-संत प्रयागराज आएंगे। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ में किन्नर अखाड़ा नगर प्रवेश किया था और दैव्त्य यात्रा भी निकाली गई थी। इस बार महाकुंभ में किन्नर बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। किन्नर अखाड़े की मेला प्रभारी व महामंडेलश्वर कौशल्या नंद गिरि (टीना मां) ने बताया कि 5 हजार से ज्यादा किन्नर साधु-संत पहुंचेंगे। हम लोग इसकी तैयारी में जुटे हैं।
साधु-सन्यासी अब संगमगनरी में ही करेंगे प्रवास
शहर के बाहर रामापुर गांव के हनुमान मंदिर से अपने रमता पंच के साथ अखाड़े के संन्यासियों और महात्माओं की भव्य नगर प्रवेश यात्रा शुरू हुई। जिसका समापन शहर में जूना अखाड़े के मौज गिरी आश्रम में हुआ। चांदी के सिंहासन पर सवार अखाड़ों के महामंडलेश्वरों पर मार्ग में स्थानीय जनता ने पुष्प वर्षा की। अखाड़े के साधु संत अब यहीं प्रवास करेंगे। 14 दिसंबर को जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में अखाड़े का कुंभ क्षेत्र में प्रवेश होगा।