प्रयागराज: जिले के मेजा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक रहीं नीलम करवरिया की बीमारी के चलते गुरुवार देर रात निधन हो गया। उन्हें लिवर सिरोसिस की बीमारी थी। वह कुछ दिनों से हैदराबाद के किम्स सनसाइन हॉस्पिटल में भर्ती थीं। दरअसल, उनके लीवर ट्रांसप्लांट की तैयारी चल रही थी, लेकिन दो दिन पहले ही जब उन्हें उल्टी हुई और दिक्कत बढ़ गई। अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट आ गया है।
हालत ज्यादा गंभीर होने से डॉक्टर गुरुवार को उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा था, लेकिन उनमें कोई सुधार नहीं हो रहा था। देर रात अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी दो बेटियां समृद्धि व साक्षी करवरिया और एक बेटा सक्षम है। उधर, उनके निधन की सूचना पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक उनके आवास पर पहुंचने लगे। उधर, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी शोक जताया है। उन्होंने एक्स पर यह भी लिखा है कि नीलम करवरिया मृदुभाषी और जनप्रिय नेता रहीं। आज, शाम को हैदराबाद से फ्लाइट से उनकी डेडबॉडी प्रयागराज लाई जाएगी। संभवत: कल अंतिम संस्कार होगा।
मृदुभाषी और जनप्रिय नेता, जनपद प्रयागराज के मेजा विधानसभा से पूर्व विधायक श्रीमती नीलम करवरिया जी के निधन की अत्यंत दु:खद सूचना प्राप्त हुई है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिजनों व समर्थकों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) September 27, 2024
जवाहर पंडित हत्याकांड में जेल में थे पति उदयभान
नीलम करवरिया के पति उदयभान करवरिया पूर्व विधायक हैं और जुलाई में ही उनके पति पूर्व विधायक उदयभान करवरिया जेल से छूट कर बाहर आए थे। और जेल से निकलने के बाद सबसे पहले उन्होंने बयान दिया था की सबसे पहले वह अपनी पत्नी के इलाज पर ध्यान देंगे उसके बाद कुछ और करेंगे। वहीं, उदयभान के दो अन्य भाई कपिल मुनि करवरिया और वशिष्ठ मुनि करवरिया अभी भी जेल में ही हैं। उन्हें जेल से लेने के लिए खुद नीलम करवरिया गयीं थीं। इसके बाद लगातार नीलम पति उदयभान के साथ विभिन्न मंदिरों में व साधु संतों के पास जाकर आशीर्वाद ले रहीं थीं।
2022 के चुनाव में हार गईं थीं नीलम करवरिया
नीलम करवरिया 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट से मेजा सीट से चुनाव लड़ीं थीं औऱ जनता ने उन्हें विधायक चुन लिया था लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में नीलम करवरिया को बीजेपी से फिर टिकट मिला था लेकिन वह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से चुनाव हार गई थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी उन्हें इलाहाबाद सीट से टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन टिकट नहीं मिल सका और यहां से भाजपा हार भी गई।