लखनऊ: देश की शीर्ष अदालत में सोमवार को अपराधियों के घर पर बुलडोजर से की गई कार्रवाई और तोड़फोड़ को लेकर सुनवाई हुई। इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अदालत ने कहा कि अगर कोई किसी मामले में सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिरने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? इसको लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है।
बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार (3 सितंबर) को अपने ‘X’ अकाउंट पर लिखा- देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ‘क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ (Rule of Law By Law) स्थापित करके भी दिखाया है।
‘पीड़ितों को सही न्याय नहीं मिलता’
मायावती ने कहा कि बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है। जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिए, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।
अखिलेश ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सोमवार (2 सितंबर) को कहा कि बुलडोजर एक्शन की कार्रवाई पर अब न्याय मिला है वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अखिलेश यादव ने स्वागत भी किया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपराधों के आरोपियों के घरों या संपत्तियों को ध्वस्त करने की बढ़ती प्रवृत्ति की आलोचना की थी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए “बुलडोजर न्याय” का मामला बताया था। कोर्ट ने घोषणा की है कि इस मुद्दे के समाधान के लिए वह दिशा-निर्देश जारी करेगा।