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Hathras Incident: साकार हरि के पास है अपनी फौज, जानिए इनके बारे में

Hathras Incident: साकार हरि के पास है अपनी फौज, जानिए इनके बारे में

Hathras Incident: उत्‍तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में आयोजित सत्संग खत्‍म होने के बाद मंगलवार (दो जुलाई) को बड़ा हादसा हो गया। यहां भगदड़ मचने से खबर लिखे जाने तक 120 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि कई लोग घायल हैं। किसी धार्मिक कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में जुटने के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम न किए जाने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भोले बाबा यानी साकार हरि की अपनी फौज है। हल्के गुलाबी रंग के पैंट-शर्ट, पुलिस बेल्ट, हाथ में लाठी और सीटी लेकर हजारों की संख्या में इनके स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल और सड़कों पर चप्पे-चप्पे पर तैनात रहते हैं। एक नजर में देखने पर यह होमगार्ड जैसा कोई अनुशासित बल दिखाई देता है। बड़ी संख्या में महिला स्वयंसेवक भी तैनात रहती हैं। इनकी भी वर्दी होती है। बाबा की यह लंबी-चौड़ी फौज ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर, पानी और दूसरे इंतजाम देखती है।

कार्यक्रम में पहुंचते हैं लाखों अनुयायी

कार्यक्रम स्थलों पर बाबा की फौज का यह गणवेश आप कई काउंटरों से बिकते देख सकते हैं। कहा जाता है इसे खरीदने की अनुमति उन्हीं लोगों की होती है, जिसे बाबा चाहते हैं। कई बार यह स्वयंसेवक आम आदमी को कार्यक्रम स्थल के पास से गुजरने से रोक भी देते हैं। प्रशासन भी इन स्वयंसेवकों के भरोसे शायद उतना ध्यान नहीं देता जितना, उसे देना चाहिए। सबसे पहले तो यह जान लें कि साकार हरि के कार्यक्रमों में इनके शिष्यों की भारी भीड़ जुटती है। कई बार तो इनकी संख्या दो से तीन लाख तक पहुंच जाती है। बाबा साकार हरि में अगाध श्रद्धा रखने वाले इनके शिष्य बेहद अनुशासित होते हैं।

सूट-बूट में रहते हैं साकार हरि

बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दारोगा हुआ करते थे। कुछ इसे आईबी से जुड़ा भी बताते हैं, इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचत है। वर्दी धारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने में यह काफी मददगार साबित हुआ। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनता। बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनकर किसी फिल्मी हीरो की मानिंद नजर आती है। अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करता है। चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं। उन्हें बाबा का पहरावा और यह रूप बड़ा लुभाता है।

मानना है बाबा कुछ भी कर सकते हैं

महिला भक्तों में बाबा का खासा क्रेज दिखाई देता है। कानपुर से आई बाबा की एक प्रमुख शिष्या का कहना था कि बाबा साक्षात हरि अर्थात् विष्णु के अवतार हैं। बाबा के मंच के ठीक सामने उनकी ड्यूटी लगाई गई थी। गदगद महिला भक्त इससे फूली नहीं समा रही थीं। उन्होंने बताया कि बाबा का चेहरा दमकता रहता है। उस पर अलौकिक तेज है। उनके साथ आए कई शिष्यों का मानना था कि बाबा के पास दैविक शक्तियां हैं। वह कुछ भी कर सकते हैं।

मीडिया से भी दूरी

बाबा के सत्संगों में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। बाबा के शिष्य अपनी ही मस्ती में रहते हैं। यही वजह है कि मीडिया से भी ये लोग दूरी बरतते हैं। दरअसल, बाबा के सत्संग के तौर-तरीके चूंकि आम संतों से अलग होते हैं, लिहाजा ये लोग नहीं चाहते कि इस पर किसी प्रकार की टीका-टिप्पणी हो।

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