उत्तर प्रदेश, राजनीति

मौलाना शहाबुद्दीन और तौसीफ रजा की अपील, जुमे की नमाज के बाद धरना-प्रदर्शन न करें मुसलमान

मौलाना शहाबुद्दीन और तौसीफ रजा की अपील, जुमे की नमाज के बाद धरना-प्रदर्शन न करें मुसलमान

बरेली: बरेली में हुए बवाल के बाद अब शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर सतर्कता बरती जा रही है। गुरुवार को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि पिछले जुमे के दिन जो घटना हुई वो बहुत अफसोसनाक है। कल फिर जुमे की नमाज अदा की जाएगी। उन्‍होंने सभी मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि जुमे की नमाज पढ़कर सीधे अपने घरों को वापस हो जाएं। सड़कों और चौराहों पर भीड़ का हिस्सा न बनें। अगर कोई व्यक्ति धरना प्रदर्शन के लिए या इकट्ठा होने के लिए बुलाता है तो हरगिज ना जाएं।

मौलाना शहाबुद्दीन ने मस्जिद के इमामों से अपील करते हुए कहा कि कुछ मस्जिद के इमाम राजनीति का हिस्सा बन जाते हैं। मगर, अब उनको बखूबी सोचना होगा। ऐसे राजनीतिक लोगों से अपना रिश्ता नाता खत्म करना होगा। इमामों से गुजारिश है कि बरेली के सियासी हालात को देखते हुए अपनी अपनी मस्जिदों में अमन व शांति बनाए रखने की अपील करें। नौजवानों को समझाएं कि किसी के बहकावे में न आएं।

पोस्टर-बैनर सिर्फ दिखावा

शहाबुद्दीन रजवी ने आगे कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम से मोहब्बत करना हमारा ईमान व अकीदा है। मगर, उनकी शिक्षा पर अमल करना बेहद जरूरी है, ये असल मोहब्बत का पैमाना है। पोस्टर-बैनर तो सिर्फ एक दिखावा है। इसको मोहब्बत नहीं कहा जा सकता। पैगंबर-ए-इस्लाम ने टकराव की नीति कभी भी नहीं अपनाई बल्कि अपने विरोधियों से हमेशा समझौता किया और बातचीत से मसले का हल किया। इस्लाम के इतिहास में दो समझौते बहुत मशहूर हैं। जो ‘सुलह हुदैवीया’ और ‘मिसाके मदीना’ के नाम से जाना जाता है।

मौलाना तौसीफ ने कहा- धरना-प्रदर्शन न करें मुसलमान

इसके अलावा, नबीर-ए-आला हजरत मौलाना तौसीफ रजा खां ने कहा कि बरेली शहर के हालात जल्द से जल्द सामान्य करने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए शहरभर के उलमा एक साथ बैठेंगे। इसके बाद देश के अन्य जगहों के उलमा से भी बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाएगा, जिससे शहर और मुल्क के हालात अच्छे बने रहें। उन्‍होंने मुस्लिम युवाओं से अपील की है कि वे धरना-प्रदर्शन, सड़कों पर शोरशराबा या नारेबाजी न करें। खासतौर से शुक्रवार को नमाज के दौरान ध्यान रखें कि इस तरह की कोई बात न हो।

मौलाना तौसीफ ने कहा, लोग नमाज पढ़ने जाएं और घरों को वापस हो जाएं। मुस्लिमों पर पत्थरबाज होने का आरोप लग रहा है। लिहाजा उन्हें चाहिए कि वह अपने ऊपर लग रहे इल्जाम को हटाने का प्रयास करें। इधर-उधर की बातों को छोड़ कर अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान दें। उन्‍होंने कहा कि कोशिश की जा रही है कि जो मदरसे बंद हुए हैं, वह खुलें। मस्जिदों के इमाम कहीं न जाएं। प्रशासनिक अधिकारियों से बात हुई है। अपनी मांगों को उनके सामने रखा है, काफी आश्वासन मिला है। उम्मीद है जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।

26 सितंबर को क्या हुआ था?

26 सितंबर शुक्रवार को आई लव मोहम्मद के समर्थन में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के बुलावे पर भीड़ जुटी थी। मौलाना के नदारद रहने से भीड़ अराजक हो गई। पुलिस का दावा है कि लोगों ने दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ की थी। बेकाबू भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। आंसू गैस के गोले दागे गए थे।

पुलिस के मुताबिक, इस बवाल में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद से पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई कर रही है। पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। दशहरा और इसके बाद जुमा को देखते हुए चौकसी और बढ़ा दी गई है। शहर के हालात देखते हुए दूसरे जिलों से आई पुलिस को 04 अक्‍टूबर तक रोक लिया गया है। शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।

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