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भारत में एयरपोर्ट पर सर्विस नहीं दे सकेगी तुर्किये की कंपनी, दिल्‍ली हाईकोर्ट में याचिका खारिज

भारत में एयरपोर्ट पर सर्विस नहीं दे सकेगी तुर्किये की कंपनी, दिल्‍ली हाईकोर्ट में याचिका खारिज

नई दिल्‍ली: तुर्किये की ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सर्विस कंपनी सेलेबी एविएशन की याचिका सोमवार (7 जुलाई) को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में कंपनी ने अपनी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से सेलेबी की मंजूरी रद्द की थी।

सेलेबी एविएशन तुर्किये की कंपनी है, जो हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सर्विसेज देती है। यानी, ये कंपनी हवाई जहाजों की लैंडिंग, पैसेंजर्स की हैंडलिंग, सामान की लोडिंग-अनलोडिंग, और कार्गो मैनेजमेंट जैसे काम करती है। कंपनी के दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद, गोवा, कोचीन, और कन्नूर जैसे 9 बड़े हवाई अड्डों पर ऑपरेशन्स थे। कंपनी हर साल लगभग 58,000 फ्लाइट्स और 5.4 लाख टन कार्गो को हैंडल करती थी। इसके 14,000 कर्मचारी भारत में काम करते हैं, जो सभी भारतीय हैं।

क्‍यों रद्द की गई सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी?

केंद्र सरकार ने 15 मई, 2025 को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के जरिए सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। इसका कारण नेशनल सिक्योरिटी बताया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तनाव बढ़ा था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे। इस दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत की कार्रवाई की निंदा की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस वजह से भारत सरकार ने तुर्किये से जुड़ी कंपनियों पर शक जताया। कुछ खबरों में ये भी दावा किया गया कि सेलेबी का तुर्किये के राष्ट्रपति की बेटी सुमेये एर्दोगन से कनेक्शन हो सकता है। हालांकि, सेलेबी ने इन दावों को सिरे से खारिज किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि सरकार को खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर ये फैसला लिया गया। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा खास मामला बताया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने आज सेलेबी की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ऊपर है और इस तरह के फैसले को कोर्ट में चुनौती देना मुश्किल है। कोर्ट ने कहा, “बेटर सेफ दैन सॉरी” यानी “सावधानी बरतना ही बेहतर है।”

जस्टिस दत्ता ने सवाल उठाया कि क्या इस तरह के सुरक्षा से जुड़े फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है, और क्या सरकार को पहले नोटिस देना जरूरी था। कोर्ट ने सरकार की दलील को माना कि खुफिया जानकारी के आधार पर लिया गया फैसला राष्ट्रीय हित में था।

इस फैसले का असर

इस फैसले ने सेलेबी के भारत में कारोबार को बड़ा झटका दिया है।

  • ऑपरेशन्स बंद- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत 9 हवाई अड्डों ने सेलेबी के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिए। उदाहरण के लिए, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) ने सेलेबी की सब्सिडियरी सेलेबी नास एयरपोर्ट सर्विसेज का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया।
  • नई कंपनियां- दिल्ली में बर्ड फ्लाइट सर्विसेज और एयर इंडिया SATS, बेंगलुरु में ग्लोबग्राउंड इंडिया और कोच्चि में एजाइल जैसी दूसरी कंपनियों ने ग्राउंड हैंडलिंग का जिम्मा संभाला। मुंबई में इंडो थाई एयरपोर्ट सर्विसेज को 24 घंटे में नियुक्त किया गया।
  • कर्मचारी- सेलेबी के 14,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। हालांकि, दिल्ली एयरपोर्ट ने कहा कि वो कर्मचारियों को नहीं निकालेगी।
  • कानूनी लड़ाई- सेलेबी ने दिल्ली के अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 10 जुलाई को होनी है।

अब क्या कर सकती है सेलेबी?

सेलेबी के पास अब ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं:-

  • सुप्रीम कोर्ट में अपील- सेलेबी दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोर्ट आम तौर पर सरकार के साथ ही रहते हैं।
  • बॉम्बे हाईकोर्ट- सेलेबी की याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में 10 जुलाई को सुनी जाएगी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला इसका आधार बनेगा।
  • नए देशों में कारोबार- सेलेबी को भारत में ऑपरेशन्स बंद करने पड़ सकते हैं, जिसके बाद वो दूसरे देशों में अपने बिजनेस पर फोकस कर सकती है।

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