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योग सप्ताह के अंतर्गत प्रदेश भर में दिखेंगे योग के युवा रंग और हरियाली की नई लहर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्यारहवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2025) को, सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि पूरे सप्ताह चलने वाले सामाजिक और प्राकृतिक चेतना के पर्व के रूप में मना रही है। इस अभियान में युवाओं की भागीदारी और पर्यावरण की सुरक्षा को दो प्रमुख स्तंभ बनाया गया है। सरकार की दो नवाचारी पहलें ‘योग अनप्लग्ड’ और ‘हरित योग’ इस दिशा में विशेष भूमिका निभा रही हैं।
‘योग अनप्लग्ड’: युवाओं की भागीदारी को नया आयाम
प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘योग अनप्लग्ड’ पहल खास तौर पर युवा वर्ग को योग के प्रति आकर्षित और सक्रिय करने के लिए तैयार की गई है। इसे पूरी तरह सोशल मीडिया और प्रतिस्पर्धा आधारित मॉडल में ढाला गया है, जिससे छात्रों में उत्साह बना रहे और वे डिजिटल माध्यमों पर भी योग को प्रेरणा स्वरूप अपनाएं। राजकीय आयुष महाविद्यालयों, व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में यह गतिविधियां चल रही हैं, जिससे प्रदेश के लाखों छात्र इस मुहिम से जुड़ सकें।
इस पहल के अंतर्गत हो रहे प्रमुख आयोजन
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–भाषण प्रतियोगिता: योग के लाभ और मानसिक संतुलन पर आधारित स्पर्धाएं।
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–योग क्रिया प्रदर्शन: छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न योगासनों और ध्यान क्रियाओं का लाइव प्रदर्शन।
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–रंगोली, वाद–विवाद और पोस्टर प्रतियोगिताएं: जहां युवा अपनी सृजनात्मकता के जरिए योग की महत्ता को रेखांकित करेंगे।
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–पुरस्कार वितरण: विजेताओं को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा, जिससे उनकी भागीदारी को मान्यता मिल सके।
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–प्रचार–प्रसार: सभी आयोजनों के फोटो, वीडियो और नतीजे #YogaUnplugged जैसे हैशटैग के माध्यम से सोशल प्लेटफार्म पर प्रचारित होंगे।
‘हरित योग’: प्रकृति के साथ योग का सामंजस्य
‘हरित योग’ अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पर्यावरणीय दृष्टिकोण का सशक्त उदाहरण है, जिसमें योगाभ्यास को प्रकृति प्रेम से जोड़ा गया है। यह अभियान जन-जन को यह संदेश देता है कि “प्रकृति के संरक्षण और आत्मसंयम का संगम ही सच्चा योग है।
मुख्य गतिविधियां
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प्राकृतिक स्थलों पर योग सत्र: प्रदेश के प्रमुख नदी किनारे, झीलों, पार्कों, और अमृत सरोवरों में खुले आसमान के नीचे सामूहिक योग अभ्यास का आयोजन।
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वृक्षारोपण अभियान: हर योग सत्र के साथ ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है।
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साफ–सफाई कार्यक्रम: योग से पहले और बाद में स्थानीय लोगों और विद्यार्थियों द्वारा उन क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान।
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स्थानीय सहभागिता: पंचायतों, नगर निकायों, स्कूली छात्रों, एनएसएस/एनसीसी कैडेट्स की सक्रिय भागीदारी।
नई पीढ़ी में अनुशासन, स्वास्थ्य और प्रकृति–प्रेम की भावना को मिलेगा बल
योग सप्ताह के इन आयोजनों से प्रदेश की नई पीढ़ी में अनुशासन, स्वास्थ्य और प्रकृति-प्रेम की भावना को नया बल मिलेगा। इसके अलावा, इन गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय निकायों, शैक्षिक संस्थानों और सरकारी महकमे योग के माध्यम से सामाजिक चेतना की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएंगे। राज्य सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में कम से कम 2-3 स्थलों को ‘हरित योग स्थल’ के रूप में विकसित करें, जहां योग, हरियाली और सामुदायिक भागीदारी एक साथ दिखे।