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ऊर्जा मंत्री का बांके बिहारी मंदिर में विरोध, दर्शन करने से रोका; महिलाओं ने की नारेबाजी

ऊर्जा मंत्री का बांके बिहारी मंदिर में विरोध, दर्शन करने से रोका; महिलाओं ने की नारेबाजी

मथुरा: उत्‍तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का शनिवार को बांके बिहारी मंदिर में जमकर विरोध किया गया। यहां तक कि पहले उन्‍हें दर्शन भी नहीं करने दिए गए। आज दोपहर जैसे ही मंत्री बांके बिहारी के सामने खड़े हुए, मंदिर के कॉरिडोर का विरोध कर रहे सेवायतों ने तुरंत पर्दा डाल दिया। उन्हें प्रसाद नहीं दिया गया, न ही पटका पहनाया गया।

मंत्री शर्मा के मंदिर आने की जानकारी मिलते ही 15-20 महिलाएं काली पट्टी बांधकर वहां पहुंच गईं। उन्होंने मंत्री को घेर लिया और हाय-हाय, वापस जाओ जैसे नारे लगाए। हंगामा बढ़ता देख अधिकारी मंत्री को मंदिर के गेट नंबर 4 से निकालकर ले गए। महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की।

ऊर्जा मंत्री बोले- सरकार जनता के हित में विकास करती है

हालांकि, बांके बिहारी के दर्शन के बाद मंत्री एके शर्मा वीआईपी रोड पर जुगल गोस्वामी की गद्दी पर पहुंचे। महिलाएं विरोध प्रदर्शन करते हुए वहां भी पहुंच गईं। काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद चार महिलाओं को मंत्री ने बातचीत के लिए अंदर बुलाया, जहां महिलाओं ने अपनी समस्या बताई।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बांके बिहारी का जब भी दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है। मैं यहां आता हूं। मैं अपने को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं। रही बात यहां के कॉरिडोर की तो कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। सरकार कोई भी विकास का काम जनता के हित को ही ध्यान में रखकर ही करती है।

कॉरिडोर का फैसला सहमति से होगा

ऊर्जा मंत्री ने कहा, आप देख सकते हैं कि यहां कितनी भीड़ है, अफरा-तफरी है। सरकार इस बात को लेकर संवेदनशील है। यहां के पुराने लोग, दुकानदार और आने वाले श्रद्धालुओं के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। सरकार सबकी सहमति से और सबको साथ लेकर ही निर्णय करेगी। हम भी उसी सरकार का हिस्सा हैं, जिस सरकार ने सनातन धर्म के लिए, हिन्दू मान्यताओं के लिए भगवान श्रीकृष्ण, भगवान श्रीराम, भगवान विश्वनाथ, मां विंध्यवासिनी के लिए अनेक प्रकार से सेवा करने का काम किया। हमारा इरादा किसी को पीड़ा देना नहीं है।

कॉरिडोर बनने में तोड़े जाएंगे 285 भवन

बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कॉरिडोर के सर्वे के काम में तेजी आ गई है। कुल 285 भवनों की पहचान की गई है। ये सभी तोड़े जाएंगे। इसमें 188 आवासीय भवन हैं, बाकी 97 दुकानें हैं। जिनके मकान जाएंगे, उन्हें सर्किल रेट से ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा वृंदावन में ही उनके लिए फ्लैट बनाए जाएंगे। जिनकी दुकानें टूट रही हैं, उनके लिए कॉरिडोर में ही दुकानें बनाई जाएंगी। इस वक्त कई दुकानें बहुत छोटी हैं, कॉरिडोर में बनने वाली दुकानों का साइज एक बराबर होगा।

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