लखनऊ: महिलाओं की सुरक्षा सरकार की अहम जिम्मेदारी होती है। उनके खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया है। अब लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलों में ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, ओला-ऊबर और रैपिडो जैसे वाहनों के चालकों को अपने वाहन के अंदर अपना नाम, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर बड़े अक्षरों में साफ तौर पर लिखना अनिवार्य होगा।
यह निर्देश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष द्वारा 26 मई को दिए गए अनुरोध के आधार पर लागू किया गया है। परिवहन विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए अब ARTO (प्रवर्तन) के जरिए लागू करवाना शुरू कर दिया है। बुधवार को एआरटीओ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी पंजीकृत चालकों को 15 दिनों के भीतर अपने वाहन के भीतर स्पष्ट रूप से ये जानकारी अंकित करनी होगी।
नियम न मानने पर होगी कार्रवाई
निर्धारित समय सीमा के भीतर यदि किसी वाहन में चालक की जानकारी प्रदर्शित नहीं की जाती है, तो उस वाहन के स्वामी और चालक के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की सुसंगत धाराओं में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह नियम सभी ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, ओला, ऊबर और रैपिडो जैसी सेवाओं पर समान रूप से लागू होगा।
महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से अहम कदम
अक्सर यह देखा गया है कि महिला यात्रियों के साथ आपराधिक घटनाएं होने के बाद आरोपित चालक घटनास्थल से भाग निकलते हैं और उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार तो ई-रिक्शा और ऑटो जैसे वाहनों पर ठीक से नंबर प्लेट तक नहीं लगी होती, जिससे पुलिस को कार्यवाही करने में काफी कठिनाई आती है।
अब चालक का नाम, मोबाइल नंबर और आधार नंबर वाहन के अंदर स्पष्ट रूप से दर्ज होने से किसी भी घटना के बाद उसकी पहचान करना आसान होगा। अपराधी को शीघ्र पकड़ा जा सकेगा।
आधार नंबर की फोटो कॉपी भी होगी मान्य
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि चालक चाहे, तो वाहन के भीतर आधार कार्ड की स्पष्ट फोटो कॉपी भी चिपकाई जा सकती है या केवल आधार नंबर लिखना भी वैध होगा। बशर्ते जानकारी साफ-साफ पढ़ी जा सके। इससे यात्रियों को यह जानकारी आसानी से मिल सकेगी कि वे किस व्यक्ति के वाहन में यात्रा कर रहे हैं।
नया नियम और इसके फायदे क्या है?
- सभी ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, ओला, ऊबर, रैपिडो चालकों को 15 दिन के भीतर अपने वाहन में नाम, मोबाइल नंबर और आधार नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा।
- नियम न मानने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान या अन्य कार्रवाई की जाएगी।
- महिलाओं की सुरक्षा और अपराध रोकथाम के लिए यह कदम उठाया गया।
- चालक की पहचान घटना के तुरंत बाद संभव होगी।