Kanwar Yatra 2024: हिंदू धर्म में भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए सावन का महीना बेहद लाभदायी माना जाता है. सावन में ही कांवड़ यात्रा का आयोजना होता है जिसमें शिव जी के भक्त कांवड़ में गंगा जल भरकर लाते हैं सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं.
मान्यता है ऐसा करने वालों पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है. हज़ारों लाखों की तादाद में लोग कांवड़ लेकर शिव जी को जल चढ़ाने पैदल ही कांवड़ यात्रा पर निकल पड़ते हैं. आइए जानें कांवड़ यात्रा 2024 में कब शुरू हो रही है और इसका महत्व क्या है.
कांवड़ यात्रा 2024
कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से होगी. इसकी समाप्ति 2 अगस्त 2024 को सावन शिवरात्रि पर होगी. कावड़ यात्रा एक तीर्थ यात्रा के समान होती है जिसका लोग पूरे साल भर इंतजार करते हैं.
कैसे होती कांवड़ यात्रा ?
सावन माह में शिव भक्त गंगातट पर कलश में गंगाजल भरते हैं और उसको कांवड़ पर बांध कर कंधों पर लटका कर अपने अपने इलाके के शिवालय में लाते हैं और शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते हैं. मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम ने सबसे पहले कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। परशुराम गढ़मुक्तेश्वर धाम से गंगाजल लेकर आए थे और यूपी के बागपत के पास स्थित ‘पुरा महादेव’ का गंगाजल से अभिषेक किया था.
कांवड़ यात्रा के नियम
कांवड़ यात्रा करने वाले भक्तों को कांवड़िया कहा जाता है. कांवड़ यात्रा पर जाने वाले भक्तों को इस दौरान खास नियमों का पालन करना होता है. इस दौरान भक्तों को पैदल यात्रा करनी होती है. यात्रा के दौरान भक्तों को सात्विक भोजन का सेवन करना होता है. साथ ही आराम करते समय कांवड़ को जमीन पर नहीं रखते हैं.