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कभी दंगा प्रदेश के रूप में था बदनाम, आज अनुशासित और उत्सव प्रदेश की बनी पहचान
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो उत्तर प्रदेश आठ वर्ष पहले तक दंगा प्रदेश के रूप में बदनाम था, गुंडों-माफिया से तबाह था, वही उत्तर प्रदेश आज कानून व्यवस्था का मानक पेश कर रहा है। दंगामुक्त और गुंडामुक्त उत्तर प्रदेश आज अनुशासित और उत्सव प्रदेश की पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। सीएम योगी 26वीं वाहिनी पीएसी परिसर में 11 मंजिला बैरक टॉवर तथा 30 बेड के हॉस्पिटल के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज कोई भी बाहरी व्यक्ति कानून व्यवस्था के मामले में यूपी पर हंस नहीं सकता, अंगुली नहीं उठा सकता। यूपी का नौजवान आज कहीं भी जाता है तो सम्मान पाता है जबकि आठ वर्ष पहले यहां के नौजवान को यूपी के नाम पर एक कमरा तक नहीं मिलता था। यूपी के नाम पर बाहर के लोगों के सामने डरावना दृश्य होता था। आज इन सबसे उबरकर नए भारत का नया उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था की नजीर प्रस्तुत करने वाला राज्य बन गया है।
चुनौतियों से जूझ रही थी सबसे अधिक आबादी वाले राज्य की पुलिस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेना देश की वाह्य सुरक्षा का दायित्व संभालती है तो आंतरिक मामलों और कानून व्यवस्था के लिए सिविल पुलिस की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर की पुलिस, लगातार पुलिसकर्मियों की कमी और अवस्थापना सुविधाओं की चुनौतियों से जूझ रही थी। आठ साल पहले यहां शांति की कल्पना तक नहीं की जा सकती थी, यह सपना था। तब पुलिस के लाखों पद खाली थे लेकिन नियत सही न होने से तत्कालीन सरकारें पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाती थीं। कभी भर्ती में खामी तो कभी बेईमानी, भ्रष्टाचार के चलते कोर्ट से रोक लग जाने के चलते नौजवान भटकने को मजबूर थे।
आठ साल में 2.16 लाख पुलिस भर्ती
सीएम योगी ने अपनी सरकार के दौरान पारदर्शी पुलिस भर्ती प्रक्रिया की चर्चा करते हुए बताया कि आठ साल में 2 लाख 16 हजार भर्तियां यूपी पुलिस में की गई हैं। इसमें न सिफारिश की गुंजाइश थी और न ही भ्रष्टाचार की। इन भर्तियों में हाल ही में हुई दुनिया की सबसे बड़ी 60244 पुलिसकर्मियों की भर्ती भी शामिल है।
यूपी में कई गुना बढ़ गई पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की क्षमता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ साल पहले उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की क्षमता केवल तीन हजार की थी। जबकि आज यह कई गुना बढ़ गई है। आज 60 हजार से अधिक प्रशिक्षु प्रदेश के 112 प्रशिक्षण केंद्रों पर एकसाथ प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
अवस्थापना सुविधाओं का हुआ जबरदस्त विस्तार
पहली बार मुख्यमंत्री बनने के दो माह बाद लखनऊ पुलिस लाइन के निरीक्षण के दौरान जर्जर अवस्थापना सुविधाओं का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि तब पुलिस कार्मिकों के लिए सुविधाओं का काफी अभाव था। इसे देखते हुए उन्होंने हर थाने, पुलिस लाइंस और पीएसी की वाहिनियों में अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए। आज इस बात की प्रसन्नता है कि यूपी के हर थाने, पुलिस लाइंस और पीएसी की वाहिनियों में अवस्थापना सुविधाओं का जबरदस्त विस्तार हुआ है। कई जिलों में तो जो सबसे ऊंची मिनारनुमा बिल्डिंग होगी वह यूपी पुलिस के बैरक के रूप में होगी। सरकार एक तरफ अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ा रही है तो दूसरी तरफ पूरी पारदर्शिता से भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कर रही है।
ट्रेनिंग में जितना पसीना बहेगा, फील्ड में उतना कम खून बहेगा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूपी पुलिस के रिक्रूट्स को ट्रेनिंग की महत्ता समझाते हुए कहा कि ट्रेनिंग में जितना अधिक पसीना बहेगा, फील्ड में उतना कम खून बहाना पड़ेगा। इसलिए इस मंत्र का अनुसरण करते हुए ट्रेनिंग को पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता से करें। उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान नए कानून, तकनीकी, साइबर क्राइम, डिजिटल अरेस्ट, मिशन शक्ति के आयामों से जुड़े गुर को तन्मयता से सीखने की नसीहत दी। ट्रेनिंग का अनुभव फील्ड में लाभ देगा। साथ ही कहा कि ट्रेनिंग के दौरान श्रमदान से कुछ ऐसा करें जो बाद में भी स्मृतियों को ताजा कर सके।
सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतें चिंताजनक, जागरुकता से आएगी कमी
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को चिंताजनक बताते हुए कहा कि जागरुकता से इसमें कमी लाई जा सकती है। कहा कि प्रतिवर्ष 20 से 22 हजार मौतें सड़क हादसों के चलते होती हैं। कई बार परिवार समाप्त हो जाते हैं। सीएम ने कहा कि लोगों को और विशेषकर स्कूली बच्चों ओवरस्पीडिंग, ब्लैक स्पॉट के बारे में, ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक कर जीवन बचाने में बड़ी भूमिका निभाई जा सकती है।