लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में सम्मिलित किए जाने को गर्व का पल बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उस उत्सव की वैश्विक पहचान है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय और नए आरंभ के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह उपलब्धि भारत की सांस्कृतिक शक्ति व परंपरा की महत्ता को विश्वपटल पर और अधिक मजबूती प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ के माध्यम से विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के दृष्टिकोण से इस उपलब्धि के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उत्तर प्रदेश के लिए इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अयोध्या प्रभु श्रीराम की पावन भूमि है। यहीं पर दीपावली की पहली ऐतिहासिक उत्सव परंपरा की शुरुआत हुई थी। उन्होंने कहाकि अयोध्या केवल सांस्कृतिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि भारतीय परंपराओं की आत्मा है। ऐसे में इस पर्व की वैश्विक मान्यता अयोध्या के आध्यात्मिक महत्व को और भी प्रखर बनाती है।
The inscription of Deepavali on UNESCO’s Intangible Cultural Heritage List is a proud recognition of a festival that celebrates light over darkness and new beginnings.
For Uttar Pradesh, this honour is especially meaningful. Ayodhya, the sacred land of Prabhu Shri Ram, is where… https://t.co/8FVpvH5o8i
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 10, 2025
दीपावली की वैश्विक मान्यता अयोध्या की सांस्कृतिक शक्ति का प्रमाण
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान भारत की बढ़ती सांस्कृतिक प्रतिष्ठा का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विश्व स्तर पर अपनी सांस्कृतिक उपस्थिति को व्यापक रूप से स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि भारत की परंपराओं और उत्सवों को विश्व समुदाय द्वारा अपनाया जाना सकारात्मक संकेत है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि अयोध्या का शाश्वत प्रकाश मानवता को सत्य और सद्भाव के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। उनके अनुसार यह पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि जीवन दर्शन है, जो समाज को एकता और संस्कारों की दिशा में अग्रसर करता है।