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UP News: महर्षि वाल्मीकि जयंती पर मंदिरों में होगा रामचरित मानस-वाल्मीकि रामायण और भजन-कीर्तन

UP News: महर्षि वाल्मीकि जयंती पर मंदिरों में होगा रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण और भजन-कीर्तन
  • 75 जनपदों में आयोजित होंगे कार्यक्रम, 75 लाख रूपये की सहायता से मिलेगा कलाकारों और संस्कृति को नया उत्साह

UP News: महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर सात अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में भक्ति और संस्कृति के संगम के रूप में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रदेशभर के देव मंदिरों और महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों पर रामचरित मानस पाठ, अखण्ड रामायण पाठ, वाल्मीकि रामायण पाठ, सुन्दरकाण्ड, भजन-कीर्तन, दीप प्रज्ज्वलन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि सात अक्टूबर को सभी 75 जनपदों में एक साथ यह आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक जनपद को एक लाख की दर से कुल 75 लाख रूपये की धनराशि जिला पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद के खाते में उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि कलाकारों के मानदेय और कार्यक्रम के आयोजन हेतु खर्च की जाएगी।

महर्षि वाल्मीकि ने सिखाया- जीवन का सबसे बड़ा धर्म मानवता है

जयवीर सिंह ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि ने हमें यह सिखाया कि जीवन का सबसे बड़ा धर्म मानवता की सेवा और सत्य के मार्ग पर चलना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मंदिरों और महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों पर रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण और भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर रही है। यह आयोजन हमारी आस्था को संस्कारों से जोड़ने और संस्कृति के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने का संकल्प है। यह पहल न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि संस्कृति से समाज सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के संकल्प को भी दर्शाती है।

महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली में भी होगा वृहद कार्यक्रम

महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर, चित्रकूट में भी वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा तुलसीदास आश्रम, राजापुर चित्रकूट, वाल्मीकि आश्रम बिठूर (कानपुर), वाल्मीकि आश्रम श्रावस्ती, अयोध्या और प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश के देव मंदिरों में रामायण पाठ और भक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक जनपद में आयोजन के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं और कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ जनसहभागिता पर विशेष जोर दिया गया है। हर आयोजन स्थल पर साफ-सफाई, पेयजल, ध्वनि, प्रकाश और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रद्धालुओं और दर्शकों को सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण में कार्यक्रम का अनुभव मिले।

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