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उत्तर प्रदेश में ब्वायलर प्रबंधन की सभी सेवाएं हुईं डिजिटल
लखनऊ। योगी सरकार राज्य में उद्योगों की मजबूती और सुरक्षित संचालन के लिए लगातार नवाचार और तकनीकी सुधारों की दिशा में कार्य कर रही है। इसी क्रम में ब्वायलर्स के संचालन, निरीक्षण और निगरानी व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी और ऑनलाइन बनाकर उत्तर प्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है, जहां औद्योगिक सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता और ग्रीन टेक्नोलॉजी पर एकसाथ काम हो रहा है।
प्रदेश में वर्तमान में कुल 3037 ब्वायलर्स क्रियाशील हैं, जो देश में तीसरा सबसे बड़ा है। यह विभिन्न औद्योगिक इकाइयों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, सीमेंट, रासायनिक, टेक्सटाइल, चीनी और बिजली जैसे सेक्टरों में इस्तेमाल हो रहे हैं। ब्वायलर किसी भी उद्योग की रीढ़ होते हैं और इनका सुरक्षित व ऊर्जा दक्ष संचालन न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ाता है, बल्कि श्रमिकों की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन के लिए भी अहम होता है।
ब्वायलर से जुड़ी समस्त सेवाएं पूरी तरह हैं ऑनलाइन
योगी सरकार ने इस दिशा में ठोस पहल करते हुए ब्वायलर से जुड़ी समस्त सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। अब ब्वायलर का पंजीकरण, नवीनीकरण, निर्माण, मरम्मत और इरेक्शन (स्थापना) की अनुमति से लेकर ब्वायलर निर्माता, इरेक्शनकर्ता और वेल्डर्स तक की पूरी सूची पोर्टल पर उपलब्ध है। इससे पारदर्शिता के साथ-साथ उद्यमियों को समयबद्ध सेवाएं मिल रही हैं और अनावश्यक दौड़भाग भी समाप्त हो गया है। यही नहीं, अब निरीक्षण के बाद उसकी रिपोर्ट और अनुपालन की प्रक्रिया भी डिजिटल माध्यम से पूरी की जाती है, जिससे प्रक्रिया में देरी और भ्रांतियों की गुंजाइश लगभग समाप्त हो गई है। नवीन ब्वायलर के पंजीकरण के उपरांत निरीक्षण ज्ञाप पुस्तिका भी अब पूरी तरह ऑनलाइन तैयार होती है।
उद्योग जगत के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर रहा है उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हाल ही में पर्यावरण थिंक टैंक iFOREST ने भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत औद्योगिक आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग (DPIIT) और उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग के साथ मिलकर लखनऊ में देश का पहला ‘राष्ट्रीय औद्योगिक बॉयलर हरित सम्मेलन’ आयोजित किया। इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्देश्य बायोमास, हाइड्रोजन और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित हरित ब्वायलर्स को बढ़ावा देना था। यूपी हरित ऊर्जा क्रांति की अगुवाई करने वाला राज्य बन रहा है। ब्वायलर प्रबंधन में पारदर्शिता, दक्षता और हरित ऊर्जा के समन्वय से उत्तर प्रदेश उद्योग जगत के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर रहा है। योगी सरकार की मंशा न केवल उद्योगों को सुचारु रूप से संचालित करने की है, बल्कि उन्हें सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल और आधुनिक तकनीकों से लैस करना भी है।
विकास के एजेंडे और पर्यावरणीय प्रभाव की ज़रूरतों के बीच संतुलन
इस पूरी व्यवस्था का लाभ न केवल बड़े उद्योगों को हो रहा है, बल्कि लघु और मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयों को भी अब सरकारी सेवाओं तक सहज पहुंच मिली है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश देश में औद्योगिक सुधारों और तकनीकी नवाचारों का प्रेरक राज्य बनता जा रहा है। पिछले एक साल से यूपी में फैक्ट्री पंजीकरण की संख्या सबसे अधिक रही योगी सरकार विकास के एजेंडे और पर्यावरणीय प्रभाव की ज़रूरतों के बीच संतुलन बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।