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UP: परिवहन बसों में हाईटेक डिवाइस-ड्राइवर को दे रही अलर्टनेस

UP: परिवहन बसों में हाईटेक डिवाइस-ड्राइवर को दे रही अलर्टनेस

UP Roadways News: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने बड़ी पहल की है। निगम की 600 बसों में लगाए गए एंटी स्लीप डिवाइस ड्राइवर की झपकी पर अलर्ट देकर संभावित हादसों को टाल रहे हैं। हर दिन औसतन दो बड़े हादसे इस तकनीक की वजह से रोके जा रहे हैं। सेंसर युक्त यह डिवाइस स्टेयरिंग और एक्सीलेटर की गतिविधियों पर नजर रखते हुए तुरंत अलार्म बजा देती है, जिससे चालक और यात्रियों की जान बचाने में मदद मिल रही है।

600 बसों में लगाई जा चुकी है डिवाइस

परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि एंटी स्लीप डिवाइस को करीब छह महीने पहले लगाने की कवायद शुरू की गई थी। अब यह डिवाइस करीब 600 बसों में लगाई जा चुकी है। यह डिवाइस चालक-परिचालक को अलर्ट करने के साथ ही यात्रियों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने में मददगार साबित हो रही है। रात में होने वाली बस दुर्घटनाओं में अधिकतर यही पाया गया है कि हादसा चालक को झपकी आने की वजह से हुआ है। सेंसर युक्त यह डिवाइस बस के एक्सीलेटर व स्टेयरिंग से भी जुड़ी है।

चालक एक्सीलेटर नहीं दबाएगा या फिर ज्यादा दबा देगा तो ये डिवाइस अलार्म बजा देगी। यह अलार्म न केवल चालक बल्कि बस में मौजूद सभी यात्रियों को सुनाई देगा। अधिकारियों ने बताया कि पहले प्रतिदिन 50 से 60 अलर्ट आते थे। हालांकि कई बार जानकारी के अभाव में भी यह होता था। जैसे, सीधे रास्ते पर बस चलती है और उस समय चालक को एक्सीलेटर के अलावा ज्यादा कुछ करना नहीं होता है। ऐसे केस में डिवाइस अलर्ट देती थी। अब चालक डिवाइस को जान गए हैं, ऐसे में वो कुछ ना कुछ गतिविधि करते रहते हैं। इससे उनके अंदर भी अलर्टनेस बनी रहती है। वहीं यात्रियों को भी सुरक्षा का अहसास होता है।

लंबी दूरी की बसों में डबल ड्राइवर भेजने के साथ ही 600 बसों में एंटी स्लीप डिवाइस काम करने लगी है। ओवर स्पीडिंग को रोकने के लिए सभी बसें स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से लैस हैं। ट्रैकिंग डिवाइस से भी बसों की पल-पल की लोकेशन मिल रही है। इससे रात हादसों में कमी आई है।

मासूम अली सरवर, एमडी परिवहन निगम

ऐसे काम करता है एंटी स्लीप डिवाइस

  • स्टेयरिंग या एक्सीलेटर की गतिविधि न होने पर बीप अलर्ट।

  • – इसके बाद तेज अलार्म बजकर ड्राइवर-परिचालक को सतर्क करता है।

  • – ओवर स्पीड होने पर भई अलार्म एक्टिव हो जाता है।

यात्रा को सुरक्षित बनाने के यह भी किए गए हैं उपाय

  • – सभी बसों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस अनिवार्य।

  • – जीपीएस ट्रैकिंग से हर बस की लाइव लोकेशन की निगरानी।

  • – लंबी दूरी की बसों में डबल ड्राइवर की व्यवस्था।

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