देश-दुनिया, सोशल मीडिया, स्पेशल स्टोरी

Union Cabinet: इन राज्यों में चार नए रेलवे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी; कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला

Union Cabinet: इन राज्यों में चार नए रेलवे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी; कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला

Union Cabinet Meeting: यूनियन कैबिनेट ने चार रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है. कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, सात रेलवे कॉरिडोर कुल रेल यातायात का 41 फीसदी हिस्सा वहन करते हैं. हमने हाल ही में इन कॉरिडोर को मजबूत करने और और अधिक जोड़ने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं. उन्होंने कहा कि अब इन कॉरिडोर में फोर लेन और जहां संभव हो वहां 6 लेन बनाने का निर्णय लिया गया है.

4 नए रेलवे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

यूनियन कैबिनेट ने चार रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लागत लभगभ 24,634 करोड़ रुपये है. मंत्रिमंडल ने जिन परियोजनाओं को हरी झंडी दी है, उनमें महाराष्ट्र के वर्धा से भुसावल के बीच 314 किलोमीटर की दूरी को कवर करने वाली तीसरी और चौथी लाइन हैं. महाराष्ट्र के गोंदिया और छत्तीसगढ़ में डोंगरगढ़ के बीच 84 किमी लंबी चौथी लाइन, गुजरात के वडोदरा और मध्य प्रदेश में रतलाम के बीच 259 किमी लंबी तीसरी और चौथी लाइन और मध्य प्रदेश में इटारसी-भोपाल-बीना के बीच 84 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन शामिल हैं.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, जैसे-जैसे कई रेलवे परियोजनाएं आ रही हैं, लॉजिस्टिक्स लागत कम हो रही है. जनसंख्या और अर्थव्यवस्था में हमारे जैसे कई देशों ने रेलवे पर जोर दिया है क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है और लागत कम करने में भी मदद करता है.

4 राज्यों के 18 जिलों को होगा फायदा

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों को कवर करने वाली ये चार परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 894 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी. केंद्र की ओर से स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 3,633 गांवों, जिनकी आबादी लगभग 85.84 लाख है और दो जिलों (विदिशा और राजनांदगांव) तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “अब चीजें बदल रही हैं. हमने इंजनों के निर्माण को काफी हद तक बढ़ा दिया है. हम हर साल 1,600 इंजनों का उत्पादन कर रहे हैं, जो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है. हर साल हम 7,000 कोच का उत्पादन कर रहे हैं, जो यूरोप, उत्तरी अमेरिका और जापान के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *