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भारत में सस्‍ते होंगे UK की कारें और ब्रांडेड कपड़े, दोनों देशों के बीच साइन हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

भारत में सस्‍ते होंगे UK की कारें और ब्रांडेड कपड़े, दोनों देशों के बीच साइन हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

नई दिल्‍ली: भारत में यूनाइटेड किंगडम (UK) की कारें, कपड़े और फुटवियर सस्‍ते होंगे। गुरुवार (24 जुलाई) को भारत और यूके ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन किया, जिस पर साल 2022 से बातचीत चल रही थी। यह समझौता 24 जुलाई 2025 को साइन हुआ है, लेकिन इसे लागू होने में करीब एक साल लग सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत की केंद्रीय कैबिनेट और यूके की संसद से मंजूरी जरूरी है।

हालांकि, भारत की केंद्रीय कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल चुकी है। अब भारत के 99% सामानों को यूके में जीरो टैरिफ पर निर्यात किया जाएगा। वहीं, यूके के 99% सामान 3% एवरेज टैरिफ पर आयात होंगे। इससे 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश व्‍यापार मंत्री ने किए साइन

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने पीएम नरेंद्र मोदी और उनके यूके समकक्ष कीर स्टार्मर की उपस्थिति में इस समझौते पर साइन किए। इससे यूके को भी फायदा होगा। आयातित व्हिस्की पर भारत का टैरिफ 150% से घटाकर 75% हो जाएगा। बाद में समझौते के दसवें साल तक इसे घटाकर 40% कर दिया जाएगा।

भारत में कौन सी चीजें सस्ती होंगी?

यूके से आयात होने वाले सामानों पर औसत टैरिफ को 15% से घटकर 3% होगा। 85% सामान 10 साल में पूरी तरह टैरिफ-मुक्त होंगे।

व्हिस्की और जिन- यूके से आयात होने वाली स्कॉच व्हिस्की और जिन पर भारत का टैरिफ 150% से घटकर 75% हो जाएगा। बाद में समझौते के दसवें साल तक इसे घटाकर 40% कर दिया जाएगा। उदाहरण- 5000 रुपए की स्कॉच बोतल 3500 रुपए में मिलेगी।

लग्जरी कारें- UK की कारें (जैसे जगुआर लैंड रोवर, रोल्स-रॉयस) पर टैरिफ 100% से कोटा सिस्टम के तहत 10% तक आ जाएगा। इससे ये कारें 20-30% सस्ती हो सकती हैं।

खाद्य और पेय पदार्थ- UK से आयात होने वाले सैल्मन, लैंब, चॉकलेट, बिस्किट और सॉफ्ट ड्रिंक्स पर टैरिफ कम होगा। इससे ये उत्पाद सस्ते होंगे।

कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइस- UK के कॉस्मेटिक्स, मेडिकल उपकरण और एयरोस्पेस पार्ट्स पर कम टैरिफ से ये सामान सस्ते होंगे। टैरिफ 15% से घटकर 3% पर आ जाएगा।

भारत के इन सेक्टर्स को होगा फायदा

टेक्सटाइल सेक्टर यूके में भारतीय कपड़ों और होम टेक्सटाइल्स जैसे चादर, परदे पर 8-12% टैक्स लगता था, वो अब पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इससे हमारे कपड़े बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले सस्ते और ज्यादा कॉम्पिटिटिव हो जाएंगे। तिरुप्पुर, सूरत और लुधियाना जैसे एक्सपोर्ट हब में अगले तीन साल में 40% तक की ग्रोथ हो सकती है।

गहने और चमड़े का सामान भारत से यूके जाने वाली ज्वैलरी और चमड़े के सामान जैसे बैग, जूतों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे छोटे बिजनेस (MSME) और लग्जरी ब्रांड्स को बड़ा फायदा होगा। साथ ही यूके के रास्ते यूरोप में भारत का दबदबा और बढ़ेगा।

इंजीनियरिंग सामान और ऑटो पार्ट्स- यूके ने भारतीय मशीनरी, इंजीनियरिंग टूल्स और ऑटो पार्ट्स जैसे कार के पुर्जे पर लगने वाला इम्पोर्ट टैक्स खत्म कर दिया गया है। इससे भारत, यूके और यूरोप की इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन और मजबूत होगी। पुणे, चेन्नई और गुड़गांव जैसे मैन्युफैक्चरिंग हब को फायदा होगा।

दवाइयां और मेडिकल डिवाइस भारतीय फार्मा कंपनियों को यूके में जेनेरिक दवाइयों के लिए आसान रजिस्ट्रेशन प्रोसेस मिलेगी। इससे भारत की दवाइयां यूके की हेल्थ सर्विस (NHS) में आसानी से पहुंचेंगी और दवाओं का अप्रूवल भी जल्दी मिलेगा।

खाने-पीने का सामान, चाय, मसाले और समुद्री प्रोडक्ट्स- बासमती चावल, झींगा जैसे समुद्री प्रोडक्ट, प्रीमियम चाय और मसालों पर यूके का इम्पोर्ट टैक्स खत्म हो जाएगा। इससे असम, गुजरात, केरल, और पश्चिम बंगाल जैसे इलाकों की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को बड़ा बूस्ट मिलेगा।

केमिकल्स और स्पेशलिटी मटेरियल्स एग्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और स्पेशल केमिकल्स पर टैक्स कम होने से गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख हब से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इस डील के तहत भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक यूके में अपने केमिकल निर्यात को दोगुना कर दे।

ग्रीन एनर्जी और क्लीनटेक ये समझौता रिन्यूएबल एनर्जी में जॉइंट वेंचर्स का रास्ता खोलेगा, जिसमें सोलर, ग्रीन हाइड्रोजन, और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। यूके भारत के क्लीन एनर्जी सेक्टर में और निवेश करेगा, जिससे नई टेक्नोलॉजीज का को-डेवलपमेंट होगा।

इस डील से भारत की अर्थव्यवस्था को असर

निर्यात में बढ़ोतरी- 99% भारतीय सामानों को UK में शून्य टैरिफ पर निर्यात किया जाएगा। इससे टेक्सटाइल, चमड़ा, रत्न-आभूषण, मरीन प्रोडक्ट्स, और इंजीनियरिंग सामान जैसे क्षेत्रों को फायदा होगा। भारत का UK को निर्यात 2030 तक 29 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

रोजगार बढ़ेगा- टेक्सटाइल और चमड़ा जैसे लेबर बेस्ड सेक्टर में नई नौकरियां पैदा होंगी। टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार दोगुना हो सकता है।

MSME को बढ़ावा- भारत के 6 करोड़ MSME को फायदा होगा। ये भारत के 40% निर्यात में योगदान देते हैं। इस एग्रीमेंट से उन्हें नए बाजार और बेहतर मार्जिन मिलेंगे।

निवेश में बढ़ोतरी- UK की कंपनियां भारत में IT, फाइनेंशियल सर्विसेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ाएंगी। यह भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को मजबूत करेगा।

आर्थिक विकास- यह डील 2030 तक भारत-UK व्यापार को 15% सालाना बढ़ाएगी। यह भारत के 100 बिलियन डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी।

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