लखनऊ: राजधानी के रहमानखेड़ा क्षेत्र में बीते 45 दिनों से बाघ की दहशत है। शुक्रवार (17 दिसंबर) की सुबह बाग के पगचिह्न तीनों जोन में देखे गए। राज्य कृषि प्रबंध संस्थान और उलरापुर गांव में ट्रैकिंग टीम को बाघ के पैरों के निशान मिले। इधर, बाघ की दहशत से इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बाघ की दहशत आम लोगों में ही नहीं वनकर्मियों में भी है।
गुरुवार देर रात नाइट ड्यूटी पर जा रहे वनाधिकारियों की कार के सामने बाघ आ गया। इससे ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और कार पलट गई। दुर्घटना में कार सवार वनकर्मी बाल-बाल बच गए। बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन में ड्यूटी करने जा रहे हरदोई के कछौना रेंज डिप्टी रेंजर अमित सिंह और वन दरोगा सचिन शर्मा रहमानखेड़ा फार्म के पास पहुंचे थे। यहां से आगे उलरापुर गांव के मोड़ पर कार के सामने अचानक बाघ आ गया।
नियंत्रण खोने से पलट गई कार
अमित ने घबराकर नियंत्रण खो दिया, जिससे कार पलट गई। अमित ने बताया कि अचानक से बाघ सामने आ गया, जिससे घबरा गए। हालांकि, किसी को गंभीर चोट नहीं आई। इधर, बाघ के डर से करीब 12 गांवों में स्कूल और कोचिंग बंद कर दिए गए हैं। बाघ को गड्ढे में गिराने के ऑपरेशन की कमान बाराबंकी के डीएफओ आकाश बधावन संभालेंगे। कर्तनिया से आए डॉक्टर दीपक भी टीम में शामिल हो गए हैं।
स्कूल-कोचिंग बंद करने के आदेश
सुरक्षा को देखते हुए जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने बाघ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि उलरापुर, मीठे नगर, फतेह नगर, किठाई पारा, दुगौली, रहमत नगर सहित 12 से अधिक गांवों में सभी निजी, सरकारी स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। आदेश में कहा गया है कि जब तक बाघ को पकड़ नहीं लिया जाता स्कूल औऱ कोचिंग बंद ही रहेंगे।
वहीं, वन विभाग ने बाघ की निगरानी के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। गड्ढे के आस-पास लाइव सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। थोड़ी दूरी पर विभाग की मोबाइल टीम तैनात की गई है। मीठे नगर की तरफ बनाए गए मचान के नीचे पड़वा बांधकर भी बाघ पर नजर रखी जा रही है।