PM Modi On International Yoga Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के साथ योग किया। पीएम मोदी के साथ कई अन्य लोगों ने भी योग किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री ने क्या-कहा कहा।
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-पीएम मोदी ने योग के महत्व पर जोर दिया और बताया कि यह किस तरह से उथल-पुथल भरे समय में शांति लाता है। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तरह के तनाव से गुजर रही है। कई क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग हमें शांति की दिशा देता है।
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-प्रधानमंत्री ने कहा कि बढ़ता मोटापा पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है। मैंने मन की बात कार्यक्रम में इसपर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खाने में 10% तेल कम करने का चैलेंज भी शुरू किया था। मैं एक बार फिर दुनियाभर के लोगों को इस चैलेंज से जुड़ने का आह्वान करता हूं।
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-पीएम मोदी ने कहा कि योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि इस पर्यावरणीय और पारिस्थितिक संतुलन के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि योग हमें इस परस्पर जुड़ाव के प्रति जागरूक करता है और हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि प्रकृति का हिस्सा हैं।”
- -पीएम मोदी ने कहा कि आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-सादा अर्थ होता है – जुड़ना! ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है।
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-मुझे गर्व होता है जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी योगशास्त्र पढ़ते हैं। वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं। गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं।
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-आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने।
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-प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च पर जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है।
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-चाहे सिडनी ऑपेरा हाउस की सीढ़ियां हो, चाहे एवरेस्ट की चोटियां हो, या फिर समुद्र का विस्तार हो। हर जगह से एक ही संदेश आता है- योग सभी का है और सभी के लिए है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है।
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-इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय है ‘एक पृथ्वी के लिए योग, एक स्वास्थ्य के लिए योग’। यह विषय एक गहरी सच्चाई को दर्शाता है। पृथ्वी पर प्रत्येक इकाई का स्वास्थ्य परस्पर जुड़ा हुआ है। मानव कल्याण उस मिट्टी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो हमारे भोजन को उगाती है, उन नदियों पर जो हमें पानी देती हैं, उन जानवरों के स्वास्थ्य पर जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को साझा करते हैं, और उन पौधों पर जो हमें पोषण देते हैं। योग हमें इस परस्पर जुड़ाव के प्रति जागरूक करता है, हमें दुनिया के साथ एकता की यात्रा पर ले जाता है, और हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं बल्कि प्रकृति का हिस्सा हैं।
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-देश और दुनिया भर के सभी लोगों को International Yoga Day की बहुत बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-सादा अर्थ होता है-जुड़ना। और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है।