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राज्यसभा में सांसद संजय सिंह ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का मुद्दा उठाया
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर गंभीर सवाल उठाए। सांसद संजय सिंह ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर सदन की सभी कार्यवाहियों को स्थगित कर इस मुद्दे पर तत्काल और विशेष चर्चा की मांग की। संजय सिंह ने कहा कि बिहार में जारी वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया ‘एक बड़े चुनावी घोटाले’ की तरह काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण न केवल गैर-पारदर्शी है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत जाकर करोड़ों मतदाताओं के अधिकारों को प्रभावित कर रहा है।
बिहार में बहुत बड़ा चुनावी घोटाला
संजय सिंह ने कहा कि बिहार में बहुत बड़ा चुनावी घोटाला है। उन्होंने कहा कि जहाँ मतदाता सूचियों का नियमित व पारदर्शी पुनरीक्षण लोकतांत्रिक प्रणाली की आधारशिला है, वहीं बिहार में अपनाई जा रही इस प्रक्रिया का स्वरूप कई स्तरों पर चिंताजनक और असमानता को बढ़ावा देने वाला दिखाई देता है। संजय सिंह ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि 2003 के बाद मतदाता सूची में जोड़े गए नागरिकों से अब उनके माता-पिता की जन्मतिथि और जन्म स्थान का प्रमाण भी मांगा जा रहा है यह एक ऐसी अपेक्षा है, जो ग्रामीण, अशिक्षित और सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिए लगभग असंभव है। उनके पास न तो औपचारिक जन्म प्रमाण पत्र हैं. न स्कूल रिकॉर्ड, और न ही वह प्रशासनिक पहुँच जिससे वे ये दस्तावेज़ प्राप्त कर सकें।
इसका सीधा असर लोकतंत्र की निष्पक्षता पर पड़ेगा
संजय सिंह ने यह भी कहा कि मतदाता सूची में किसी भी गड़बड़ी का सीधा असर लोकतंत्र की निष्पक्षता पर पड़ता है। उन्होंने मांग की कि बिहार में चल रहे इस अभियान की जांच की जाए और इसे तत्काल रोककर सभी मतदाताओं को निष्पक्ष एवं सरल तरीके से पुनरीक्षण की सुविधा दी जाए। आप सांसद संजय सिंह ने इस गंभीर विषय पर चर्चा करने हेतु नियम 267 के अंतर्गत यह मांग की है कि सदन की सभी कार्यवाही को स्थगित कर इस अति महत्वपूर्ण विषय चर्चा कराई जाए, जिससे कि नागरिकों के मताधिकार की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।