उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, देश-दुनिया, राजनीति

पूरे देश को साफ हवा का हक, दिल्ली-NCR ही नहीं, देशभर में बैन होने चाहिए पटाखे: SC

पूरे देश को साफ हवा का हक, दिल्ली-NCR ही नहीं, देशभर में बैन होने चाहिए पटाखे: SC

नई दिल्‍ली: देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों को बैन करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस आफॅ इंडिया बीआर गवई ने कहा कि अगर दिल्ली-एनसीआर के शहरों को साफ हवा का हक है तो दूसरे शहरों के लोगों को क्यों नहीं?

प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सीजेआई गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है तो पूरे देश में बैन करना चाहिए। साफ हवा का अधिकार सिर्फ दिल्ली-NCR तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि पूरे देश के नागरिकों को मिलना चाहिए।

22 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

CJI गवई ने कहा कि पर्यावरण संबंधी जो भी नीति हो वह पूरे भारत में होनी चाहिए। हम सिर्फ दिल्ली के लिए इसलिए नीति नहीं बना सकते, क्योंकि यहां देश का एलीट क्लास हैं। मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गया था। वहां प्रदूषण दिल्ली से भी बदतर था। अगर पटाखे बैन करना है तो पूरे देश में करना चाहिए। अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के 3 अप्रैल 2025 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री, स्टोरेज, परिवहन और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश को संशोधित करने की मांग की गई है।

कोर्ट रूम में कई पक्षों की दलील और बेंच की टिप्पणी

  • बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) को इस मामले में नोटिस जारी किया और दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा।
  • न्यायमित्र सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कहा कि कुलीन वर्ग अपना ध्यान रखता है। प्रदूषण होने पर वे दिल्ली से बाहर चले जाते हैं।
  • बेंच ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वे प्रदूषण के मामले में CAQM से डिटेल रिपोर्ट लें।
  • लॉ ऑफिसर ने कहा कि नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) जांच कर रहा है कि क्या ग्रीन पटाखों से प्रदूषण कम हो सकता है या नहीं।
  • पटाखा बनाने वाली कंपनियों के वकील ने सुझाव दिया कि NEERI यह बताए कि पटाखों में कौन-कौन से केमिकल कितनी मात्रा में इस्तेमाल किए जा सकते हैं, ताकि कंपनियां उन्हें अपने पटाखों में शामिल कर सके।
  • कुछ अन्य पक्षों की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने चिंता जताई कि पटाखों पर बैन के साथ-साथ अधिकारियों ने उनके मौजूदा लाइसेंस भी रद्द करना शुरू कर दिए हैं।
  • बेंच ने कहा कि फिलहाल पटाखों के लाइसेंस रद्द करने के मामले में स्थिति जैसी है वैसी ही बनी रहेगी।

अप्रैल में भी हुई थी सुनवाई

इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखा बैन मामले पर अप्रैल में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे बेहद जरूरी बताया था। कोर्ट का कहना था कि प्रतिबंध को कुछ महीनों तक सीमित करने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा। लोग पूरे साल पटाखों को इकट्ठा करेंगे और उस समय बेचेंगे, जब बैन लगा होगा।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *