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केंद्र सरकार का आदेश, अब बोर्ड लगाकर बताएं- समोसे में कितना तेल और जलेबी में कितनी चीनी

केंद्र सरकार का आदेश, अब बोर्ड लगाकर बताएं- समोसे में कितना तेल और जलेबी में कितनी चीनी

नई दिल्‍ली: अब समोसा, लड्डू और जलेबी खाने वालों के लिए केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने एक अहम कदम बढ़ाया है। समोसे में कितना तेल है, लड्डू और जलेबी में कितनी शक्कर है और वड़ा पाव में कितनी कैलोरी है, अब यह जानकारी भी स्नैक्स के साथ मिलेगी। मंत्रालय ने सभी विभागों से कहा है कि वे अपनी कैंटीन में बेचे जा रहे सामान के लिए ‘तेल और शक्कर’ चेतावनी बोर्ड लगाएं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में बढ़ते मोटापे, हाई ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज और दिल की बीमारियों को कम करने के लिए ये कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी शुरुआत नागपुर एम्स की कैंटीन से की जा रही है।

क्‍या हैं तेल और शक्कर चेतावनी बोर्ड‘?

ये बोर्ड सेंट्रल इंस्टीट्यूट की कैंटीन और वहां की सार्वजनिक जगहों पर लगाए जाएंगे। इन पर समोसा, जलेबी, पकौड़ा, लड्डू जैसे नाश्तों में मौजूद तेल और चीनी की मात्रा की जानकारी दी जाएगी। उदाहरण के लिए, यह बताया जा सकता है कि एक गुलाब जामुन में पांच चम्मच चीनी होती है। इसका मकसद लोगों को जंक फूड के स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक करना है।

भारत में मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के दस्तावेज बताते हैं कि 2050 तक भारत में 44.9 करोड़ लोग मोटापे या अधिक वजन से प्रभावित हो सकते हैं। खराब खानपान और कम शारीरिक गतिविधि इसके मुख्य कारण हैं। इसलिए सरकार जंक फूड को सिगरेट की तरह खतरनाक मानकर लोगों को सतर्क करना चाहती है।

सिगरेट की तरह ही होंगी ये चेतावनी

सरकार का मकसद जंक फूड को सिगरेट जैसे स्वास्थ्य जोखिमों की श्रेणी में रखना है। जैसे सिगरेट के पैकेट पर “धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है” लिखा होता है, वैसे ही इन बोर्ड्स पर नाश्तों के खतरे बताए जाएंगे। हालांकि, ये चेतावनियां अभी पैकेजिंग पर नहीं, बल्कि कैंटीन और सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर के रूप में दिखेंगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्रीय संस्थानों, जैसे- AIIMS नागपुर, को इन बोर्ड्स को लगाने का आदेश दिया है। ये बोर्ड कैंटीन, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दिखाई देंगे। दिल्ली में भी जंक फूड पर सिगरेट जैसी चेतावनी लगाने की तैयारी है। हालांकि, इसकी सटीक तारीख की जानकारी अभी नहीं दी गई है।

इससे पहले मई में सीबीएसई ने पूरे भारत में 24,000 से ज्यादा स्कूलों में शुगर बोर्ड्स लगाने के निर्देश दिए थे। इन बोर्ड्स पर एक दिन में कितनी चीनी खानी चाहिए, सामान्य चीजों में कितनी चीनी होती है, स्वस्थ खाने के बेहतर विकल्प जैसी जरूरी जानकारी होगी।

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