गोरखपुर/लखनऊ: गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड पड़ी है। यह कार्रवाई अलग-अलग बैंकों के 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में हो रही है। विनय शंकर तिवारी पूर्वांचल के कद्दावर नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। हरिशंकर तिवारी का निधन हो चुका है। ईडी ने विनय शंकर तिवारी की कम्पनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, मुम्बई व दिल्ली के 11 ठिकानों पर सोमवार सुबह छापा मारा।
ED ने 18 मार्च, 2024 को विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज की 30.86 करोड़ रुपये की 12 प्रॉपर्टी अटैच की थी। ED ने अलग-अलग बैंकों के 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में यह कार्रवाई की थी। इसमें गोरखपुर, लखनऊ और नोएडा की संपत्तियों को जब्त किया गया था। जांच एजेंसी ने इस मामले की मुख्य आरोपी रीता तिवारी और अजीत पांडेय के साथ ही गंगोत्री इंटरप्राइजेज के प्रमोटर्स, डायरेक्टर्स, गारंटर्स और रॉयल एम्पायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और कंदर्प कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम दर्ज संपत्तियों को जब्त किया है। रीता तिवारी पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की पत्नी हैं।
ED मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच कर रही
ED के मुताबिक, गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशकों, प्रमोटर, गारंटर ने मिलीभगत कर बैंकों के दिए 754 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट को धोखाधड़ी करके हड़प लिया था। इनमें विनय शंकर तिवारी, पत्नी रीता तिवारी, अजीत कुमार पांडेय की मुख्य भूमिका सामने आई। इसके बाद उनकी 3 शहरों लखनऊ, गोरखपुर और नोएडा की वाणिज्यिक, आवासीय और कृषि भूमि को जब्त किया गया।
दरअसल, बैंकों की शिकायत पर CBI ने इस मामले में केस दर्ज किया था, जिसके आधार पर ED ने भी CBI की FIR में नामजद आरोपियों के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।
फरवरी 2024 में जब्त की थी 103 करोड़ की संपत्ति
जांच में सामने आया कि बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 7 बैंकों के कंसोर्टियम से गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने 1129.44 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट ली थी। बाद में इसे गंगोत्री इंटरप्राइजेज की सहयोगी कंपनियों में डायवर्ट करके निजी संपत्तियों को खरीदा गया। ED ने इस मामले में 23 फरवरी 2024 को विनय शंकर तिवारी और उनके करीबियों के 10 ठिकानों पर छापा मारा था, जहां बैंकों की रकम से खरीदी गई तमाम संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए थे। इस मामले में ED विनय शंकर तिवारी और उनके करीबियों की करीब 103 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर चुका है।