प्रयागराज: संगम नगरी में आयोजित महाकुंभ का शुक्रवार (7 फरवरी) को 26वां दिन है। शुक्रवार को संगम में श्रद्धालुओं की भीड़ है। शनिवार और रविवार को और भीड़ बढ़ सकती है। इसे देखते हुए प्रशासन फिर अलर्ट हो गया। भीड़ की निगरानी की जा रही है। संगम पर श्रद्धालुओं को रुकने नहीं दिया जा रहा है। पुलिस स्नान कर चुके लोगों को वहां से निकाल रही है, जिससे एक जगह भीड़ इकट्ठा न हो। वाहनों की प्रयागराज शहर में एंट्री हो रही है।
हालांकि, भीड़ के हिसाब से पुलिस प्लान में बदलाव कर रही है। महाकुंभ में ज्यादातर अखाड़ों ने अब पैकिंग शुरू कर दी। इसलिए श्रद्धालुओं को अखाड़ों के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। प्रशासन के मुताबिक, महाकुंभ में 13 जनवरी से अब तक 40 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अभी मेला 19 दिन और चलेगा। वहीं, महाकुंभ के चलते प्रयागराज में 12 फरवरी तक 8वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे। क्लासेज ऑनलाइन चलेंगी। उधर, महाकुंभ में आए अखाड़ों ने पैकिंग शुरू कर दी है। धीरे-धीरे अब संन्यासी मेला क्षेत्र से वापस जाने लगे हैं।
बिहार के राज्यपाल पहुंचे महाकुंभ
बिहार के राज्यपाल आरिफ मो. खान भी गुरुवार देर रात प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारत का प्रतीक ही नहीं, बल्कि यह पूरे भारत को अपने में समेटे हुए हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा गुप्ता भी महाकुंभ पहुंचीं। उन्होंने संगम में डुबकी लगाई। उन्होंने कहा कि वह यहां एक सनातनी बनकर पहुंची हैं।
आज भी पहुंचेंगे कई राजनीतिक दिग्गज
शुक्रवार को गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल, झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह महाकुंभ आएंगे। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, MP के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा कुछ और मंत्रियों के साथ प्रयागराज पहुंचेंगे। केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, राज्यसभा सांसद और उपनेता शिवसेना प्रियंका चतुर्वेदी भी संगम में डुबकी लगाएंगी।
माघी पूर्णिमा के लिए अर्द्धसैनिक बलों ने कमान संभाली
माघी पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षित स्नान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने एक प्लान बनाया है। इसके तहत, प्रमुख घाटों विशेषकर संगम पर, अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा महत्वपूर्ण जगहों पर चौराहों पर पुलिस के साथ पीएसी के जवान भी तैनात रहेंगे। पुलों को केवल पैदल चलने वालों के लिए खोला जाएगा। शहर में रूट डायवर्जन लागू किया जाएगा, शटल बसों का संचालन किया जाएगा। सुरक्षा को मद्देनजर बैरिकेडिंग को और बेहतर किया जाएगा।