लखनऊ: गोमतीनगर स्थित कठौता और भरवारा झीलों में सिल्ट सफाई कार्य का हवन-पूजन के साथ शुभारंभ किया गया। लखनऊ नगर निगम के दावे के मुताबिक, यह अभियान न केवल जल संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि शहरवासियों को गर्मियों में होने वाली जल संकट की समस्या से राहत देने की दिशा में भी एक बड़ी पहल है।
जानकारी के अनुसार, कठौता झील की लंबाई लगभग 1200 मीटर और चौड़ाई 600 मीटर है। कठौता झील की गहराई बढ़ाने के लिए लगभग पांच लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी हटाई जाएगी, जिससे झील की वॉटर स्टोरेज कैपेसिटी तीन गुना तक बढ़ जाएगी। इससे गोमती नगर और इंदिरा नगर के हजारों निवासियों को गर्मियों में जल आपूर्ति में राहत मिलेगी।
मशीनों से सफाई, संसाधनों का होगा समुचित उपयोग
झील के गहरे हिस्सों की सफाई के लिए विशेष ड्रेजिंग मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। 15 पोकलैंड मशीनों और डंपर्स की मदद से मिट्टी निकाली जा रही है। शनिवार को महापौर ने सुपर सकर मशीन को भी हरी झंडी दिखाई। झील से निकाली गई मिट्टी को फेंकने की बजाय अकबरनगर और मनोरथा गौशाला समेत नगर निगम और एलडीए के अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग किया जाएगा। यह कदम संसाधनों के सतत उपयोग की मिसाल बनेगा।
समयबद्ध योजना: जल संचयन कार्य भी तय
महापौर ने बताया कि 17-18 मई को शारदा नहर की सफाई के लिए बंदी के पहले, झीलों में भरपूर पानी स्टोर कर लिया जाएगा। इसके लिए 25 अप्रैल से झील भरने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह कार्य पूरी तरह समयबद्ध है और विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा, “गर्मियों में जल संकट को देखते हुए अभी से तैयारी जरूरी है। झीलों की सफाई से न सिर्फ जल संरक्षण होगा, बल्कि पर्यावरण संतुलन और शहरी जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। यह कार्य हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है।”