Shani Dev: शास्त्रों के अनुसार शनि देव की पूजा के वक्त उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर कभी प्रार्थना नहीं करनी चाहिए. माना जाता है कि इससे उनकी कुदृष्टि पड़ती है और जीवन में कष्ट बढ़ते हैं.
शनि की दृष्टि को शुभ नहीं माना जाता. पौराणिक कथा के अनुसार शनि को उनकी पत्नी का श्राप है कि वो जिस किसी पर भी अपनी दृष्टि डालेंगे उसका जीवन समस्याओं से भर जाएगा. यही वजह है कि शनि देव की पूजा कभी भी उनकी आंखों में आंखें डालकर नहीं करनी चाहिए. शनि देव की दृष्टि से बचने के लिए बेहतर है कि शनि देव की मूर्ति की बजाय उनके शिला रूप के दर्शन करें.
शनि देव को प्रसन्न करना है तो पीपल के पेड़ के नीचे भी दीपक लगाना चाहिए. मान्यता है इससे शनि की महादशा से राहत मिलती है. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शनि देव की पूजा में लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि लाल रंग मंगल का परिचायक माना जाता है. ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।- शनि देव को प्रसन्न करने है तो शनिवार के दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करें.