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स्वरोजगार, कौशल उन्नयन, ब्रांडिंग व सीएफसी विकास को यूपी में मिलेगी रफ्तार

स्वरोजगार, कौशल उन्नयन, ब्रांडिंग व सीएफसी विकास को यूपी में मिलेगी रफ्तार
  • ओडीओपी को लेकर 2025-26 के पहले तीन महीनों की कार्ययोजना तैयार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी (वन डिस्ट्रि्क्ट वन प्रोडक्ट) अब विकास की नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने एक सुदृढ़ और दूरदर्शी कार्ययोजना तैयार की है, जो उद्यमिता, स्वरोजगार और कौशल विकास को राज्य के कोने-कोने तक ले जाएगी। सरकार ने ओडीओपी योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में अलग-अलग श्रेणियों में बजट निर्धारित किया है, जिससे योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। इसके अंतर्गत स्वरोजगार के लिए वित्त पोषण, कौशल उन्नयन और टूलकिट के साथ ही योजना संबंधित अन्य व्यय को लेकर भी कार्ययोजना बनाई गई है। ओडीओपी योजना के इस नए स्वरूप से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश देश के आर्थिक नक्शे पर नए विकास मॉडल के रूप में उभरेगा।

सफल उद्यमियों को मिलेगा दूसरा मौका

पहले चरण में ऋण लेकर सफलतापूर्वक उद्यम स्थापित कर चुके लाभार्थियों को अब द्वितीय ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए शासन से संशोधन कर नई व्यवस्था लागू की जाएगी। इससे उन उद्यमियों को विशेष बढ़त मिलेगी, जिन्होंने सीमित संसाधनों से शुरुआत कर बड़ी सफलता हासिल की है। हर जिले को लक्ष्य आवंटित किया जाएगा। साथ ही 2024-25 में लंबित प्रकरणों को नवीनीकरण कर बैंकों को प्रेषित किया जाएगा। वहीं स्वीकृत लेकिन अवितरित ऋण प्रकरणों में भी वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत वार्षिक लक्ष्य का 20 प्रतिशत स्वीकृति और वितरण कराया जाएगा।

ओडीओपी 2.0 और सीएफसी परियोजनाओं को मिलेगी गति

ओडीओपी कार्यक्रम को विकास के नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के लिए सरकार ODOP 2.0 की कार्ययोजना को भी मंजूरी दिलाने की दिशा में प्रयासरत है। अब तक के अनुभव के आधार पर वर्तमान में प्रचलित योजनाओं का सरलीकरण किया जाएगा। उन्नाव, बिजनौर और गोण्डा में निर्माणाधीन सामान्य सुविधा केंद्र (CFC) परियोजनाओं का उद्घाटन कराया जाएगा और नई परियोजनाएं भी स्वीकृत की जाएंगी। ओडीओपी योजना को ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और गुणवत्ता सुधार के नए आयामों से जोड़ा जाएगा। सेक्टोरल विशेषज्ञों के सहयोग से प्रदेश के विशिष्ट उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई जाएगी। जनपदों के पारंपरिक खाद्य पदार्थों को भी औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ने की योजना है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म से होगा लाभार्थियों का चयन

योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण, टूलकिट और स्किल अपग्रेडेशन के लिए भी बजट निर्धारित किया गया है। इसके अंतर्गत जनपदवार वार्षिक लक्ष्यों का आवंटन किया जाएगा। ई-पोर्टल के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया जाएगा। चयनित प्रशिक्षण संस्थाओं को लाभार्थियों की सूची भेजी जाएगी।

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