-
नारायनस कैफे और डाइनिंग, सात्विक भोजन का नवयुग
लखनऊ: ‘नारायनस’, लखनऊवासियों के लिये न केवल अपने सात्विक व्यंजनों के लिये किंतु इसके साथ-साथ उनकी मानसिक शांति के लिए भी उपयुक्त विकल्प के रूप में अपनी अनूठी पहचान बनाएगा। ये बात यूपी सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने “नारायनस” का उद्घाटन करने के बाद कही। साथ ही उन्होंने नारायनस रेस्टोरेंट की सत्विकता एवं सुंदरता से भरे माहौल की विशेष प्रशंसा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा, नारायनस सिर्फ एक रेस्टोरेंट नहीं, बल्कि एक एहसास है, जहां जायके के साथ-साथ मन की सात्विकता का ध्यान रखा जाता है। जब भी शांति, स्वाद, और सात्विकता का एहसास करना चाहें, तो नारायण्स आपका स्वागत करने के लिए तत्पर है।
लखनऊवासियों के लिए क्यों ख़ास है नारायनस?
नारायनस के संचालक कुशाग्र मेहरोत्रा (आईआईएचएम कोलकाता से होटल मैनेजमेंट में स्नातक और स्विट्जरलैंड से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है) ने बताया, ये एक एक ऐसा स्थल है जहां सात्विक भोजन को नए आयामों के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नारायनस में कदम रखते ही आपको महसूस होगा कि यह कोई साधारण रेस्टोरेंट नहीं है। यहां पारंपरिक भारतीय स्वादों को संजोते हुए, उन्हें आधुनिक और वैश्विक शैली में प्रस्तुत किया गया है। बिना प्याज-लहसुन के बनाए गए व्यंजन न केवल शुद्धता का एहसास कराते हैं, बल्कि स्वाद और नवाचार का भी अद्भुत संगम हैं।
वैश्विक और सात्विक के संगम का स्वाद
कुशाग्र बताते हैं कि यहां न केवल पारंपरिक भारतीय व्यंजन, बल्कि सात्विक पद्धति से बनाए गए कॉन्टिनेंटल व्यंजन भी परोसे जाते हैं। नारायण्स का नॉन-अल्कोहोलिक पेय पदार्थों का विस्तृत संग्रह भी एक विशिष्ट विशेषता है। चाहे प्रोफेशनल मीटिंग हो, पारिवारिक आयोजन या फिर दोस्तों के साथ एक यादगार शाम, यहां की सेवाएं हर मौके को खास बना देती हैं। कुशाग्र की टीम, अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों क्षमताओं का उपयोग कर, हर मेहमान को एक अनूठा अनुभव देने का प्रयास करती है।