उत्तर प्रदेश, राजनीति

संभल में बख्शे नहीं जाएंगे उपद्रवी, हिंसा में हुए नुकसान की होगी वसूली

संभल में बख्शे नहीं जाएंगे उपद्रवी, हिंसा में हुए नुकसान की होगी वसूली

संभल: संभल जिले में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण के दौरान हुए बवाल के बाद पत्थरबाजों और उपद्रवियों की तलाश जोरों पर हो रही है। इसके साथ ही हिंसा करने वालों पर यूपी सरकार सख्ती बरतेगी। पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जा सकते हैं।

इसके साथ ही नुकसान की उपद्रवियों से वसूली की जा सकती है। जरूरी हुआ तो उपद्रवियों पर इनाम भी घोषित हो सकता है। संभल हिंसा के गुनहगार किसी भी सूरत में बच नहीं पाएंगे। बता दें कि यूपी की योगी सरकार पहले ही उपद्रव करने वालों के खिलाफ नुकसान की वसूली और पोस्टर का अध्यादेश जारी कर चुकी है।

मीडिया में भी जारी किए जाएंगे फोटो

कमिश्नर ने बताया कि सर्वे से एक दिन पहले जिला प्रशासन ने जामा मस्जिद कमेटी को नोटिस दिया था। जब सर्वे टीम पहुंची तो संभल विधायक इकबाल महमूद का बेटा सुहेल इकबाल भी जामा मस्जिद पहुंच गया। उसने सर्वे टीम के साथ शामिल होने की बात कही। टीम ने उसे साथ शामिल करने से मना कर दिया। इसके बाद ही भीड़ जुटी और बवाल हुआ। उपद्रव में शामिल लोगों के फोटो शीघ्र ही मीडिया में भी जारी किए जाएंगे, जिससे उन्हें पकड़ने में आसानी होगी। पुलिस ने पथराव करने वाले सैकड़ों आरोपियों को चिह्नित कर लिया है और गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है।

संभल शहर के अलावा आसपास के कस्बों और गांवों में भी बवालियों को ढूंढा जा रहा है। दर्जनों लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। उनसे अलग-अलग थानों में पूछताछ करके अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा और डीआईजी मुनिराज जी ने मंगलवार सुबह पुलिस फोर्स के साथ शहर में पैदल मार्च किया। इस दौरान उन्होंने व्यापारियों से बातचीत की और कहा कि दुकानें खोलें और व्यापार करें। हालांकि, शहर के अधिकांश बाजारों में दुकानें खुलने के बावजूद सन्नाटा पसरा रहा। शहर की जामा मस्जिद के आसपास की दुकानें नहीं खुलीं। बवाल के बाद से भागे सैकड़ों लोगों के घरों पर अब भी ताले लटके हैं। पूरा इलाका पुलिस छावनी बना है।

संभल हिंसा में पांच की हुई थी मौत

संभल में मस्जिद पर सर्वे के दौरान हुई हिंसा के तीन दिन बाद बुधवार को जनजीवन सामान्य होने लगा है। स्कूल खुल गए हैं और जरूरी सामान बेचने वाली कई दुकानें भी खुल गई हैं, हालांकि जिले में इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं। प्रशासन ने हिंसा के बाद संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी है।

पुलिस ने मुख्य चौराहों पर बल तैनात किया है और रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है। हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी। 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक 11 एफआईआर दर्ज की हैं। इसमें सात एफआईआर पुलिस ने दर्ज कराई हैं, जबकि चार मृतकों के परिजनों ने कराई हैं।

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