लखनऊ: राजधानी में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) में गुरुवार को छात्रों के दो गुटों के बीच हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और मारपीट की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कुलसचिव डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने थाना आशियाना में मुकदमा दर्ज करवाया है।
विश्वविद्यालय में विश्वकर्मा पूजा को लेकर शुरू हुई बहस देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। इस दौरान दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद नाराज छात्रों ने प्रशासनिक भवन के बाहर धरना शुरू कर दिया। छात्रों की मांग थी कि कुलपति खुद आकर उनकी शिकायत सुनें और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। इसको लेकर छात्रों ने नारेबाजी भी की। इंतजार के बाद भी जब कुलपति नहीं आए तो छात्र जबरन उनके चैंबर में घुस गए। इस दौरान वीसी ऑफिस में अफरा-तफरी का माहौल रहा। मौके पर मौजूद सिक्योरिटी के जवानों ने किसी तरह कुलपति को उनके चैंबर से सुरक्षित बाहर निकाला।
ABVP-दलित गुट के छात्रों में मारपीट
जानकारी के अनुसार, यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग फैकल्टी में बुधवार को विश्वकर्मा पूजन का आयोजन हुआ। इस दौरान दलित छात्रों का एक गुट धार्मिक आयोजन को लेकर विरोध करने लगा। जबकि, ABVP समर्थित छात्रों का दूसरा गुट आयोजन के पक्ष में उतर आया। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए और गेट नंबर एक पर धरना देने लगे। इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से प्रॉक्टर डॉ. एमपी सिंह मौके पर पहुंचे।
उन्होंने छात्रों के दोनों गुटों की तरफ से ज्ञापन लेकर समझा बुझाकर छात्रों को भेज दिया। बताया गया कि इसके बाद जब दोनों गुट के छात्र जाने लगे तो अचानक किसी बात को लेकर भिड़ंत हो गई। इस दौरान दलित गुट के 2 छात्रों को गंभीर चोटें आई। घटना के बाद नाराज घायल छात्रों ने फिर से धरना देना शुरू कर दिया। छात्र दोषी स्टूडेंट्स पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
छात्रों से मिलने कैंपस पहुंचे सांसद
सांसद आरके चौधरी ने बताया कि छात्रों के चोटिल होने की जैसे ही मुझे जानकारी हुई। मैं पहले लोकबंधु अस्पताल पहुंचा। यहां जब छात्रों से मुलाकात नहीं हुई। मैं खुद कैंपस गया। प्रशासनिक भवन में छात्रों के एक गुट से भेंट हुई है। उनकी तरफ से FIR भी कराई जा रही है।
वहीं, विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डॉ.रचना गंगवार ने बताया कि कैंपस में आज के घटनाक्रम को लेकर प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक चल रही है। घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी। दोषी छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।