Droupadi Murmur: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना और अर्धसैनिक बलों के 10 जवानों को उनके अदम्य साहस और असाधारण वीरता के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। इनमें से 7 को मरणोपरांत इस सम्मान से सम्मानित किया गया। कीर्ति चक्र, भारत का दूसरा शीर्ष सैन्य वीरता पुरस्कार है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान 26 सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को शौर्य चक्र भी प्रदान किए जिनमें से 7 को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया।
बलिदानियों के परिजनों ने राष्ट्रपति से प्राप्त किया सम्मान
बयान में साझा की गई पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन के ग्रेनेडियर्स के सिपाही पवन कुमार, पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के सेना मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह और भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की 9वीं बटालियन के हवलदार अब्दुल मजीद को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। CRPF के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार दास, हेड कॉन्स्टेबल राज कुमार यादव और सिपाही बबलू राभा व शंभू रॉय को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया और उनके परिवार के सदस्यों ने यह सम्मान राष्ट्रपति से प्राप्त किया।
कैप्टन अंशुमन को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया
मंत्रालय ने बताया कि मेजर रैंक के 2 और नायब सूबेदार सहित 3 सैनिकों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन ने ‘X’ पर समारोह की तस्वीरें भी साझा कीं। राष्ट्रपति भवन ने पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर में कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। अपनी जान की परवाह किए बिना उन्होंने आग की एक बड़ी घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया।’
मेजर दिग्विजय सिंह रावत को भी मरणोपरांत किया गया सम्मानित
राष्ट्रपति भवन ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की 21वीं बटालियन के मेजर दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। रावत ने मणिपुर में एक खुफिया नेटवर्क स्थापित किया जिसने उन्हें घाटी आधारित उग्रवादियों का सटीक पता लगाने में सक्षम बनाया और एक अभियान में तीन उग्रवादियों को काबू कर पकड़ लिया।’ मंत्रालय ने कहा कि वीरता पुरस्कार असाधारण वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए दिए गए।
पीएम मोदी ने X पर कहा, उनका साहस हमारे लोगों को प्रेरित करेगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘X’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह-2024 (चरण-1) में शामिल हुआ, जहां राष्ट्रपति जी ने वीरता पुरस्कार प्रदान किए। हमारे देश को हमारे बहादुर सैनिकों की वीरता और समर्पण पर गर्व है। वे सेवा और बलिदान के सर्वोच्च आदर्शों का उदाहरण हैं। उनका साहस हमेशा हमारे लोगों को प्रेरित करता रहेगा।’
Attended the Defence Investiture Ceremony-2024 (Phase-1) at Rashtrapati Bhavan, where Rashtrapati Ji presented the Gallantry Awards. Our nation is proud of the valour and dedication of our brave soldiers. They exemplify the highest ideals of service and sacrifice. Their courage… pic.twitter.com/LaQD27zhje
— Narendra Modi (@narendramodi) July 5, 2024
जम्मू–कश्मीर पुलिस के सिपाही को मरणोपरांत दिया गया शौर्य चक्र
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सिपाही को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। इसके अलावा सेना के छह अन्य जवानों को भी सम्मानित किया गया। सूची के अनुसार, थलसेना, वायुसेना, नौसेना और गृह मंत्रालय के अधीन सेवाएं देने वाले कर्मियों के एक समूह को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। शौर्य चक्र, अशोक चक्र और कीर्ति चक्र के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है।