Rahul Gandhi Speech in Parliament: लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा में राहुल गांधी ने हिस्सा लिया। राहुल ने पहलगाम हमले की निंदा की, पाकिस्तान की खूब क्लास लगाई और भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। राहुल गांधी ने कहा, ‘पहलगाम में एक क्रूर और निर्दयी हमला, जो साफ तौर पर पाकिस्तानी सरकार की ओर से प्रायोजित और षडयंत्र किया गया था। युवा और वृद्ध लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। हम सभी ने इस सदन के प्रत्येक व्यक्ति ने मिलकर पाकिस्तान की निंदा की है।’ ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही विपक्ष सरकार और सेना के साथ था। विपक्ष के नाते हम एकजुट होकर सरकार के साथ थे।
राहुल ने कहा कि जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, बल्कि शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने, सभी दलों ने यह प्रतिबद्धता जताई कि हम सेना और भारत की निर्वाचित सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। हमने उनके कुछ नेताओं की ओर से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणियां सुनीं, लेकिन हमने कुछ नहीं कहा। यह एक ऐसी बात थी, जिस पर इंडिया गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेतृत्व सहमत थे। हमें बहुत गर्व है कि एक विपक्ष के रूप में हम एकजुट रहे, जैसा कि हमें होना चाहिए था।
मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि 1971 में….
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘…दो शब्द हैं- ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ और ‘संचालन की स्वतंत्रता’। यदि आप भारतीय सशस्त्र बलों का उपयोग करना चाहते हैं तो आपके पास 100% राजनीतिक इच्छाशक्ति और संचालन की पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए। कल राजनाथ सिंह ने 1971 और सिंदूर की तुलना की। मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि 1971 में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। सातवां बेड़ा हिंद महासागर के रास्ते भारत की ओर आ रहा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बांग्लादेश के साथ जो करना है, करना होगा, जहां भी आना है आओ… इंदिरा गांधी ने जनरल मानेकशॉ से कहा कि 6 महीने, 1 साल, जितना भी समय आपको चाहिए, ले लीजिए क्योंकि आपको कार्रवाई की, युद्धाभ्यास की स्वतंत्रता होनी चाहिए। एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और एक नया देश बना।’
आपके पास लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है…
राहुल गांधी ने कहा, ‘आइए अब ऑपरेशन सिंदूर की बात करते हैं। कल मैंने राजनाथ सिंह का भाषण देखा। जब लोग बोलते हैं तो मैं बहुत ध्यान से सुनता हूं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सुबह 1.05 बजे शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 22 मिनट तक चला। फिर उन्होंने सबसे चौंकाने वाली बात कही, 1.35 पर, हमने पाकिस्तान को फोन किया और उन्हें बताया कि हमने गैर-सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया है। हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते। शायद उन्हें समझ नहीं आया कि उन्होंने क्या खुलासा किया। भारत के डीजीएमओ को भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की रात ही रात 1.35 बजे युद्धविराम के लिए कहने के लिए कहा था। आपने सीधे पाकिस्तान को अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति बता दी कि आपके पास लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है, कि आप लड़ना नहीं चाहते।’