वाराणसी: वाराणसी के लोगों के लिए अच्छी खबर है। 13 दिसंबर को बाबा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को 3 साल पूरे हो जाएंगे। इस उपलक्ष्य में बाबा विश्वनाथ के साथ परिसर में विराजमान सभी विग्रहों का विशेष अभिषेक किया जाएगा। बाबा का भव्य श्रृंगार होगा और वैदिक मंत्रों से पूरा धाम गूंजेगा। बाबा के विशेष श्रृंगार के दर्शन के लिए धाम में लाखों भक्त शीश नवाएंगे और बाबा से आशीर्वाद लेंगे।
इस अवसर पर 12 दिसंबर से रुद्राभिषेक शुरू होगा और 13 दिसंबर को समापन होगा। 24 घंटे का रुद्राभिषेक 21 वैदिक ब्राह्मण करेंगे। सुबह परिसर में विराजमान 105 विग्रहों का विधि-विधान से अभिषेक किया जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि 13 दिसंबर को जयादि यज्ञ होगा। इसके लिए परिसर में 21 वैदिक ब्राह्मण बेदी में यज्ञ करेंगे। सभी वेदों का पाठ होगा। इसके बाद वेद पारायण पाठ भी करेंगे। इसके लिए तैयारी चल रही है।
तीन कलाकार देंगे प्रस्तुति
13 दिसंबर को सायंकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें तीन कलाकार अभिजीत घोषाल, नीरज और दुर्गा मिश्र कार्यक्रम की प्रस्तुति करेंगे। इसके बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इस साल अब तक 50 से अधिक आयोजन हो चुके हैं। बाबा के गर्भगृह से लेकर ललिताघाट तक सुरक्षा के विशेष इंतजाम रहेंगे।
15 दिन बाद नया साल शुरू हो रहा है। उस दिन भी भक्तों की भारी को देखते हुए इंतजाम में मंदिर प्रशासन जुट गया है। 13 दिसंबर को तो मंदिर में दिव्य उत्सव होगा ही, साथ 1 जनवरी को भी मंदिर को भव्य सजाया जाएगा। चारों गेट से लेकर गर्भगृह को सुगंधित फूल-मालाओं से सजाया जाएगा। रंग-बिरंगी लाइटिंग की जाएगी।
पीएम मोदी ने बाबा विश्वनाथ को गंगा से जोड़ा
13 दिसंबर, 2021 को पीएम मोदी ने कॉरिडोर का इनॉगरेशन किया था। उसमें देश-दुनिया के हजारों साधु-संत आए थे। बाबा विश्वनाथ के दरबार का विस्तार चौक से लेकर गंगा घाट तक हो गया। तंग गलियों और अतिक्रमण से बाबा विश्वनाथ को पूरी तरह से मुक्त करा दिया गया था। इससे दर्शनार्थियों को काफी सहजता मिली। पीएम मोदी ने 46 मिनट के अपने भाषण में काशी और कांजीपुरम का जिक्र किया था। काशी में कोई भी बिना महादेव की मर्जी के नहीं आता, जो होता है, वो महादेव की मर्जी से ही होता है।
33 महीने में पूरा हुआ कॉरिडोर का निर्माण
1780 में अहिल्याबाई होल्कर ने विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। इसके 241 साल बाद यहां पर पीएम मोदी ने मंदिर विस्तार यानी कि कॉरिडोर का निर्माण कराया। साल 2019 में पीएम मोदी ने ही कॉरिडोर का शिलान्यास भी किया था। इसके 33 महीने बाद मंदिर कॉरिडोर का निर्माण काम पूरा हुआ।
इस दौरान करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। पूरा कॉरिडोर करीब 5 लाख 27 हजार वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में बनाया गया। विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्रफल पहले 3,000 वर्ग फीट था। पूरब में ललिता घाट पर गंगा को जोड़ते हुए गंगा द्वार बनाया गया।