लखनऊ: उत्तर प्रदेश से बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है। रेलवे अब गोमतीनगर स्टेशन से दो नई अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू करने जा रहा है, जिनका संचालन शुक्रवार से विशेष ट्रेन के रूप में किया जाएगा। ये ट्रेनें दरभंगा (बिहार) और मालदा टाउन (पश्चिम बंगाल) के लिए चलाई जाएंगी। इनका वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मोतिहारी से करेंगे।
ये दोनों ट्रेनें अयोध्या रूट से होकर गुजरेंगी। शुरुआत में यह ट्रेनें स्पेशल ट्रेन के रूप में चलेंगी और आगे चलकर इन्हें नियमित सेवा के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। रेलवे बोर्ड ने फिलहाल संचालन का प्रारंभिक शेड्यूल जारी किया है, जिसे स्थिति के अनुसार अपडेट किया जाएगा।
मालदा टाउन अमृत भारत एक्सप्रेस की टाइमिंग और रूट
मालदा टाउन से चलने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस हर गुरुवार शाम 7:25 बजे रवाना होगी और शुक्रवार दोपहर 3:40 बजे लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन हर शुक्रवार शाम 6:40 बजे गोमतीनगर से चलकर शनिवार शाम 4:40 बजे मालदा टाउन पहुंचेगी।
इस ट्रेन में कुल 22 कोच होंगे, जिनमें स्लीपर और जनरल बोगियां शामिल हैं। इसके प्रमुख ठहराव वाले स्टेशन होंगे- न्यू फरक्का, बरहरवा, साहिबगंज, कहलगांव, भागलपुर, सुलतानगंज, जमालपुर, अभयपुर, कुईल, नवादा, गया, दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, वाराणसी, जौनपुर, शाहगंज, अयोध्या धाम और अयोध्या कैंट।
दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस की टाइमिंग और रूट
दरभंगा से चलने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस हर शनिवार दोपहर 3:00 बजे रवाना होगी और रविवार सुबह 5:35 बजे लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन हर रविवार सुबह 8:15 बजे गोमतीनगर से चलेगी और रविवार रात 12:35 बजे दरभंगा पहुंचेगी।
इस ट्रेन का रूट पूर्वांचल और उत्तर बिहार के प्रमुख हिस्सों को जोड़ता है। इसके मुख्य ठहराव में अयोध्या कैंट, अयोध्या धाम, मनकापुर, बस्ती, गोरखपुर, कप्तानगंज, बगहा, हरीनगर, नरकटियागंज, सिकटा, रक्सौल, घोरासन, बैरगनिया, जनकपुर रोड और कमतौल शामिल है।
लखनऊ के यात्रियों को मिलेगा सीधा फायदा
इन ट्रेनों के शुरू होने से राजधानी लखनऊ से बिहार और बंगाल की यात्रा न केवल सुगम होगी, बल्कि यात्रियों को सीधा कनेक्शन भी मिलेगा। खास बात यह है कि दोनों ट्रेनें गोमतीन गर स्टेशन से संचालित होंगी, जिससे लखनऊ के व्यस्त चारबाग जंक्शन पर भीड़ का दबाव कुछ कम होगा।
रेलवे अधिकारियों की मानें तो, यदि इन ट्रेनों की शुरुआती सेवाएं सफल रहती हैं और यात्रियों की संख्या संतोषजनक रहती है, तो इन्हें नियमित रूप से चलाने का निर्णय जल्द लिया जा सकता है।