Lucknow Mock Drill: संभावित हमले को लेकर लोगों को अलर्ट करने और हमले के दौरान जरूरी कदम उठाने के लिए लखनऊ पुलिस लाइन मैदान में मॉक ड्रिल किया गया। इसमें सीएम योगी भी मौजूद रहे। इस आयोजन में पुलिस के साथ-साथ एनडीआरफ, एसडीआरफ, सिविल डिफेंस, फॉयर और मेडिकल से जुड़े कर्मचारी मौजूद रहे। पुलिस लाइन में एयर स्ट्राइक से बचने के लिए बुधवार शाम मॉकड्रिल की गई। इस मॉकड्रिल को देखने के लिए स्कूली बच्चे और आम लोग भी पहुंचे थे।
इस मॉकड्रिल ने एयर स्ट्राइक के बाद क्या करना होता है और कैसे राहत व बचाव कार्य किया जाता है, इसको दिखाया गया। मॉकड्रिल के लिए पुलिस लाइन के ग्राउंड को एक छोटे से शहर का रूप दिया गया। बिल्डिंग बनाई गई, पार्क बना गया। बाजार का रूप दिया गया। वीआईपी भवन तैयार किया गया। शहर में लोगों की मौजूदगी दिखाई गई। सिविल डिफेंस के कुछ लोग आम नागरिक बने। सीएम के आने से पहले मॉकड्रिल का रिहर्सल भी किया गया। इस दौरान ग्राउंड में एक शहर में होने वाली आम गतिविधि प्रदर्शित की गई। कुछ लोग पार्क में घूम रहे थे, कुछ सामान खरीद रहे थे। कुछ लोग घरों में बैठे थे।
बजा साइरन, पुलिस लाइन में किया गया ब्लैक आउट
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-पुलिस लाइन ग्राउंड में एक के बाद एक कई धमाके किए गए। पटाखों के धमाके से दुश्मन देश की एयर स्ट्राइक को दर्शाया गया। हमला होते ही चेतावनी वाला साइरन बचा। साइरन बजते ही पुलिस लाइन में ब्लैक आउट कर दिया गया। साइरन की आवाज सुनते ही ग्राउंड में नागरिकों की भूमिका अदा कर रहे सिविल डिफेंस के लोग पेट के बल जमीन पर लेट गए। धमाके की गूंज से बचने के लिए लोगों ने अपने कान दोनों हाथों से बंद कर लिए।
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-दूसरा साइरन बजा और यह संकेत था कि हमला रूक गया है। दूसरा साइरन बजते ही लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ भागने लगे। कुछ लोग हमले में घायल ग्राउंड पर पड़े थे। सिविल डिफेंस के लोगों ने घायलों की मदद शुरू की। इस बीच एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मेडिकल टीम मदद के लिए पहुंच गई। घायलों को मेडिकल सहायता पहुंचाई गई और उनको अस्पताल भेजा गया।
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-एक बिल्डिंग में आग लगने की सूचना मिली। दमकल की हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की मदद से दमकल कर्मियों ने कुछ ही देर में आग पर काबू पाया।
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-बिल्डिंग के मलबे में दबे लोगों को तलाशने के लिए स्नीफर डॉग बुलाया गया। स्नीफर डॉग की मदद से घायलों को मलबे से निकाला गया और उनको एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।
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-धमाके की वजह से एक कार क्षतिग्रस्त हुई और उसमें घायल मौजूद थे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मेडिकल टीम की मदद से घायल को कार से बाहर निकाला गया।
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-सूचना मिली की एक गैस सिलिंडर में आग लगी है। सिविल डिफेंस की टीम भागकर मौके पर पहुंची और आग पर बुझाया।
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-एक वीआईपी बिल्डिंग में दुश्मनों ने केमिकल हमला किया। हमला की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम भागते हुए मौके पर पहुंची। विशेष उपकरणों की मदद से पता लगाया तो जानकारी मिली कि नर्व एजेंट हमला हुआ है। इस हमले में पीड़ित का शरीर कमजोर पड़ जाता है। आंख की पुतली छोटी हो जाती है। नर्व एजेंट अटैक का पता लगाने के बाद भवन में मौजूद लोगों वहां से हटाया गया। हमले से गंभीर रूप से घायलों को फौरन अस्पताल भेजा गया। मामूली रूप से घायलों को डी कंटेमिनेट किया गया। ऐसा करके बाकी लोगों तक संक्रमण फैलना से रोका गया। नर्व एजेंट के संपर्क में आए लोगों के कपड़े सील कर उनको दूसरे कपड़े पहनाए गए।