माई नेशन, हेल्थ डेस्क: भारत ने टी-20 विश्वकप क्रिकेट में रविवार (9 जून) को रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान को 6 रन से मात दे दी। इस मैच को देखने पहुंचे मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) अध्यक्ष अमोल काले का सोमवार (10 जून) को निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 47 वर्षीय अमोल को कार्डियक अरेस्ट हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई।
बता दें कि पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत के मामलों में काफी तेजी से आई है। डॉक्टर्स कहते हैं कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों ही हृदय से संबंधित जानलेवा समस्याएं हैं, लेकिन दोनों में बहुत अंतर है। आज हम आपको इनके बीच अंतर के बारे में बताएंगे।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में हृदय रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ. निरंजन हीरेमथ बताते हैं कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दो अलग-अलग समस्याएं हैं, जिन्हें आमतौर पर एक ही मान लिया जाता है। कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ने या किसी कारणवश इसके अवरुद्ध होने के कारण दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक आ सकता है। इसमें तुरंत सीपीआर और अन्य उपायों की मदद से रोगी की जान बचाई जा सकती है। हालांकि, कार्डियक अरेस्ट तब होता है, जब हृदय रक्त को पंप करना बंद ही कर देता है, जिसे अधिक घातक माना जाता है।
क्या होता है हार्ट अटैक?
हृदय तक रक्त का संचार करने वाली धमनियों में किसी कारणवश रुकावट के कारण, दिल तक रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होने लगता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इनफ्रेक्शन की समस्या होती है। धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण यह रुकावट हो सकती है। हार्ट अटैक में सीने में दर्द, दबाव-जकड़न जैसा महसूस हो सकता है। दर्द कुछ स्थितियों में कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन और जबड़े तक फैल जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के शिकार लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है। हार्ट अटैक के लक्षणों की समय रहते पहचान कर अगर रोगी को सीपीआर दे दिया जाए तो इससे जान बचाई जा सकती है।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट?
वहीं, हार्ट अटैक से अलग कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है। कुछ ही समय में मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त के प्रवाह में कमी आ जाती है, जिस कारण व्यक्ति बेहोश हो सकता है। कार्डियक अरेस्ट का सामान्य कारण हृदय गति में आने वाली अनियमितता को माना जाता है। हृदय की विद्युत प्रणाली का ठीक से काम न करने के कारण ये समस्या हो सकती है। इस स्थिति में सीने में दर्द, दिल की धड़कन में अनियमितता, सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी या चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट वाले 90 फीसदी लोगों को सीपीआर देने से भी लाभ नहीं मिल पाता है। ये अधिक जानलेवा स्थिति मानी जाती है।