उत्तर प्रदेश, राजनीति

मायावती का आरोप- सपा दलितों के नाम पर कर रही सियासत, नेताओं की उग्र बयानबाजी से बढ़ रहा तनाव

मायावती का आरोप- सपा दलितों के नाम पर कर रही सियासत, नेताओं की उग्र बयानबाजी से बढ़ रहा तनाव

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी पर जोरदार निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि सपा दलितों के नाम पर सिर्फ सियासत कर रही है। सपा नेताओं के उग्र बयानबाजी और कार्यक्रमों से सिर्फ तनाव का माहौल बढ़ रहा है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जहां एक ओर देश भर में सामाजिक समरसता और भाईचारे की मिसालें कायम की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से लगातार ऐसे बयानों और कार्यक्रमों का सिलसिला देखने को मिल रहा है, जो न केवल समाज में तनाव पैदा कर रहे हैं, बल्कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते दलित समुदाय को मोहरे की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश भी उजागर करते हैं।

मायावती का इशारा सपा के राज्य सभा सांसद रामजी लाल सुमन की ओर है। रामजी लाल सुमन द्वारा राज्यसभा में राणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद से पूरे देश के क्षत्रिय समाज में आक्रोश है। सपा नेता रामजी लाल सुमन सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनके समर्थन में लगातार बयान दे रहे हैं, जिससे तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

सोशल मीडिया पर किया पोस्‍ट

बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट कर कहा कि सपा नेताओं द्वारा दिए गए बयानों और उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में बार-बार ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो समाज को बांटने की दिशा में इशारा करती हैं। मायावती ने आरोप लगाया कि यह सपा की संकीर्ण स्वार्थ-आधारित राजनीति का ही हिस्सा है, जिसमें दलितों को केवल वोट बैंक के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल, सपा एक रणनीति के तहत दलितों के साथ-साथ पिछड़े वर्गों और मुस्लिम समाज को भी अपने उग्र बयानों और भावनात्मक अपीलों के ज़रिए प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। मायावती ने कहा कि समाज के इन वर्गों को अब जागरूक रहना होगा और किसी भी राजनीतिक बहकावे में आकर खुद को ऐसे हथकंडों का शिकार नहीं बनने देना चाहिए।

इतिहास पर टिप्पणी से पहले अपने महानायकों को जानें

पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि ऐसी पार्टियों से जुड़े अवसरवादी दलित नेताओं को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों की अच्छाईयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह उचित होगा, जिनके कारण ये लोग किसी लायक बने हैं।  

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