UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने धर्म परिवर्तन करने वाले युवक-युवतियों का निकाह कराने को लेकर एक बार फिर से बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि 21 जुलाई को प्रस्तावित कार्यक्रम स्थगित नहीं हुआ है। उम्मीद है कि प्रशासन हमें अनुमति देगा।
मौलाना रजा ने मांग की है कि जिन लोगों ने मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराकर शादी कराई है, उनकी भी जांच करवाकर कार्रवाई की जाए। हमें जब तक यह आश्वासन नहीं मिलता हम अपना कार्यक्रम स्थगित नहीं कर सकते। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि अनुमति नहीं मिली तो हम कानून के खिलाफ कोई कार्य नहीं करेंगे।
प्रशासन पर लगाया ये आरोप
मौलाना तौकीर रजा ने बुधवार रात जारी बयान में कहा है कि कार्यक्रम स्थगित करने का पत्र बिना हमारी संस्तुति के जारी किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने हमारी विभिन्न मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, इसलिए पदाधिकारियों ने कार्यक्रम स्थगन का पत्र जारी कर दिया। हालांकि, हमारी जो मांगें थीं बाद में उन पर अपनी तरफ से प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराकर शादी कराई है, उनकी जांच करवाकर कार्रवाई के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ऐसे में हमने अपने तीन पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सात दिन के लिए निलंबित कर दिया है। मौलाना ने कहा कि प्रशासन को यह बताना चाहिए कि जो लोग खुलेआम मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं, उन्हें यह अधिकार किसने दे रखा है। हमारे समाज को बदनाम और जलील करने के लिए लड़कियों को गोमूत्र पिलाते हुए वीडियो जारी किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। हमने अनुमति मांगी तो इतना बवाल किया जा रहा है।
नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी: मौलाना रजा
मौलाना ने कहा कि क्या देश में दो तरह के कानून लागू हैं। उनके लिए अलग और मुसलमानों के लिए अलग। यह नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। प्रशासन ऐसे लोगों पर पाबंदी लगाने और पूर्व में हुए धर्म परिवर्तन पर जांच कराने की कार्रवाई करे। हम जब तक आश्वासन नहीं मिलता, हम अपना कार्यक्रम स्थगित नहीं कर सकते। अगर अनुमति नहीं मिली तो हम कानून के खिलाफ कोई भी कार्य नहीं करेंगे।